
कुलदीप सेंगर महादोषी- एक नहीं हजार सबूत हैं: पूर्व DGP विक्रम सिंह का बड़ा बयान, बुलडोज़र कार्रवाई की उठी मांग
उन्नाव: 2017 के चर्चित उन्नाव रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह का तीखा बयान सामने आया है। पूर्व डीजीपी ने सेंगर को दोषी नहीं बल्कि महादोषी बताते हुए कहा कि उसके खिलाफ एक नहीं हजार सबूत हैं और उसके आवास पर बुलडोज़र की कार्रवाई होनी चाहिए थी। इस बयान के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था, राजनीतिक संरक्षण और न्यायिक प्रक्रिया को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है।
▪️पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान
▫️पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सबूतों की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अपने पुलिस अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि यह ऐसा अपराधी है जिसके कृत्य ने पूरे सिस्टम को हिला दिया। विक्रम सिंह के अनुसार यदि कानून का सख्ती से पालन होता तो सेंगर के खिलाफ केवल सजा ही नहीं बल्कि उसकी अवैध संपत्तियों पर भी कठोर कार्रवाई होती। उन्होंने बुलडोज़र कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में प्रतीकात्मक नहीं बल्कि निर्णायक कदम उठने चाहिए थे।
▪️क्या है उन्नाव रेप मामला
▫️उन्नाव रेप मामला वर्ष 2017 का है। पीड़िता ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। आरोप सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर पुलिस ने लंबे समय तक कार्रवाई नहीं की। पीड़िता के पिता को झूठे आरोपों में जेल भेजा गया जहां उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसके बाद मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया।
▪️ अत्याचार, दुष्कर्म, धमकी.. क्या नहीं हुआ?
▫️पीड़िता के साथ हुआ अत्याचार और हादसे मामले में आरोप केवल दुष्कर्म तक सीमित नहीं रहे। पीड़िता और उसके परिवार को लगातार धमकियां दी गईं। वर्ष 2019 में पीड़िता एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई। यह हादसा भी साजिश के आरोपों के घेरे में रहा। इन घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया और न्याय की मांग तेज हो गई।
▪️CBI जांच और अदालत का फैसला
▫️मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई। दिल्ली की अदालत में सुनवाई के दौरान सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म, आपराधिक साजिश और अन्य गंभीर धाराओं में आरोप सिद्ध हुए। दिसंबर 2019 में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया।
▪️बुलडोज़र कार्रवाई की मांग क्यों
▫️पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के बयान के बाद यह सवाल फिर उठा है कि क्या रसूखदार अपराधियों के खिलाफ संपत्ति पर कार्रवाई एक निवारक कदम हो सकता है। उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में अपराधियों के खिलाफ बुलडोज़र कार्रवाई एक राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतीक बन चुकी है। इसी संदर्भ में विक्रम सिंह का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
▪️राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
▫️विक्रम सिंह के बयान पर राजनीतिक दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोग इसे न्याय के पक्ष में सख्त आवाज बता रहे हैं तो कुछ इसे कानून की प्रक्रिया से बाहर की मांग करार दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है और लोग एक बार फिर उन्नाव मामले को याद कर न्याय व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
▪️और अंत में•••
▫️उन्नाव रेप मामला केवल एक अपराध नहीं बल्कि सत्ता, पुलिस व्यवस्था और न्याय प्रणाली की परीक्षा बन गया था। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान इस बात की याद दिलाता है कि ऐसे मामलों में केवल सजा ही नहीं बल्कि उदाहरणात्मक कार्रवाई की भी मांग उठती रही है। यह बहस आगे भी जारी रहने की संभावना है।





