नई दिल्ली ब्यूरो
नई दिल्ली: सरकार के एक ताजे आदेश से हरयाणा राज्य में आई ए एस अधिकारियों की मुश्किलें बढनी तय है। इसके अनुसार नगर निगम आयुक्त और जिला परिषद के सी ई ओ की गोपनीय रिपोर्ट लिखने वाले रिपोर्टिंग अधिकारी के लिए अब यह जरुरी कर दिया गया है कि इन अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट लिखने से पहले वह संबंधित निगम के महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष से टिप्पणी ले और उसे अपनी रिपोर्ट में भी शामिल करें।
इन पदों पर जूनियर अधिकारी ही तैनात किये जाते हैं। इस फैसले से इन अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट में अब निर्वाचित प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका हो जाएगी। जानकारो का कहना है कि इस फैसले से अधिकारी और जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे और वे जनता के प्रति उनकी जवाबदेही भी बढ़ेगी।
जानकारों का यह भी मानना है कि इससे युवा आईएएस अधिकारियों के काम पर जनप्रतिनिधियों का अनावश्यक दबाव बढ़ेगा।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह प्रयोग किस हद तक सफल होता है?