Gaushala or Slaughter House : गौशाला मामले में केयर टेकर के खिलाफ FIR दर्ज

कलेक्टर ने 'आदर्श गौशाला' की अव्यवस्था की जांच के आदेश दिए

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Land Mafia:

Indore : खुड़ैल थाना क्षेत्र के पेड़मी स्थित जीव दया मंडल ट्रस्ट द्वारा संचालित ‘श्री अहिल्या माता गौशाला’ की भारी अव्यवस्था और गायों के मारे जाने की जांच के आदेश दिए गए हैं।

पेडमी में गौशाला की सौ से ज्यादा गायों की मौत की घटना प्रकाश में आने पर कलेक्टर मनीष सिंह ने एसडीएम प्रतुल चंद्र सिन्हा को जाँच के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि इसे आदर्श गौशाला का ख़िताब दिया गया था और सरकार ने दो करोड़ का अनुदान दिया था।

बताया गया कि बुधवार को अमावस होने के कारण गौ सेवक संघ के संयोजक मनोज तिवारी और उनके साथी यहाँ पहुंचे थे। उन्हें गौशाला के पास पेडमी के जंगलों में कई मवेशियों के शव पड़े मिले।

उन्होंने प्रशासन, पशु विभाग और कंट्रोल रूम को दी सूचना दी। बाद में संघ के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता पेडमी चौकी पहुंचे। यहां एसीपी अजय वाजपेयी से बात कर कारवाई की गई।

गौसेवकों के मुताबिक, इन शवों की स्थिति को देखकर लगता है कि यह अमानवीय कुकृत्य काफी लंबे समय से चल रहा है।

गौमाता के नाम पर समाज एवं सरकार से पैसा वसूलने वाली शहर की आदर्श गौशाला माने जाने वाली अहिल्या माता जीव दया मंडल ट्रस्ट की गौशाला का यह कृत्य निंदनीय ही नहीं समाज को झकझोर देने वाला है।

जिस गौशाला के संचालक मंडल में शहर के नामी-गिरामी लोग रामेश्वरलाल आसावा, प्रकाशचंद्र सोडानी, पुरुषोत्तमदास पसारी, लक्ष्मीनारायण कसेरा, एमसी रावत, गिरधर गोपाल नागर, गोपालदास मित्तल, हंसराज जैन, देवेंद्र कुमार मित्तल और शंकरलाल अग्रवाल हैं।

उस गौशाला की हालत इतनी बदतर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां जो गाय जीवित है, उनकी स्थिति क्या होगी! इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने गौशाला प्रबंधन पर सवाल उठाए है।

अहिल्या माता गौशाला की क्षमता एक हजार गायों की है। अभी यहां 257 गाय, 143 बछिया, 116 बछड़े, 6 नंदी और 11 बैल मिलाकर रिकॉर्ड में 533 मवेशी होना बताया गया। जबकि, हकीकत में 350 मवेशी ही यहाँ हैं।

ऐसे में अब तक 200 के करीब गायों की मौत होने और उनके शवों को जंगल में फेंकने की बात सामने आई है। गौशाला में स्वस्थ गायों के लिए अलग से व्यवस्था की गई। उनके लिए शेड है। वहीं बीमार और बूढ़ी गायों को खुले में छोड़ दिया गया।

गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यहां गायों की देखभाल के लिए 17 कर्मचारी नियुक्त हैं। लेकिन, असलियत में यहाँ 4 या 5 लोग ही नजर आते हैं। बाकी जिन लोगों के नाम रिकाॅर्ड में दर्ज हैं, उनमें से कई को ग्रामीणों ने यहां कभी नहीं देखा।

नामजद शिकायत

संचालक मंडल की संवेदनहीनता और गायों के प्रति क्रूरता के विरोध में गौसेवकों ने खुड़ैल थाने में जाकर नामजद शिकायत दर्ज कराई गई।

इसके बाद गौ सेवकों ने पुलिस और संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग को जानकारी दी।

इसके बाद पुलिस ने गौशाला के केयर टेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में लखन नामक शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में छोड़ दिया गया।

डीसीपी कार्यालय के अशोक वाजपेयी ने बताया कि घटना स्थल पर गायों के गले में लगने वाली घंटी के 21 जियो टैग मिले हैं।

वहीं गायों को पोस्टमार्टम के लिए वेटनरी कॉलेज भेजा जा चुका है। पोस्टमार्टम के बाद मामले की असली वजह पता चल पाएगी।

इस पूरे मामले में कई ओर जिम्मेदारों के नाम सकते है और जांच होने के बाद बड़ी कार्रवाई संभावित मानी जा रही है।

21 गायों के जियो टैग मिले

पुलिस ने अशोक पुत्र रामदीन पस्तोर निवासी द्वारकापुरी को आरोपी बनाया है। आरोपी पर 4, 6, 9 मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिशेध के मामले में केस दर्ज किया गया है।

गौ सेवक संघ के मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने यहां से 21 गाय के जियो टैग बरामद किए, जिन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

तिवारी ने बताया गौशाला में गायें बुरी तरह से रह रही हैं। उनकी देखभाल नहीं की जा रही है।

खाने के भी इंतजाम नहीं किए गए हैं। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी मवेशियो के शव का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने की बात कही है।