Record revenue : इंदौर नगर निगम ने राजस्व का रिकॉर्ड बनाया, अभी आंकड़ा 642 करोड़ तक

मार्च अंत तक राजस्व का आंकड़ा 700 पार करेगा, प्रदेश में सबसे ज्यादा कमाई वाला निगम

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Indore : स्वच्छता में 5 बार नंबर वन का खिताब हासिल कर चुका नगर निगम अब बकाया टैक्स वसूूली में भी रिकार्ड लक्ष्य की और बढ़ रहा (Municipal corporation is now moving towards record target in recovery of outstanding tax) है। हर साल निगम टैक्स की निर्धारित राशि 436 करोड़ रुपए का आंकड़ा हासिल करता है। इस बार वित्तीय वर्ष की समाप्ति के 24 दिन पहले 642 करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व जमा (More than Rs 642 crore revenue deposited 24 days before the end of the financial year) हुआ। शेष बचे दिनों में यह आंकड़ा 700 करोड़ हो जाएगा, जो अपने आपमें प्रदेश का सबसे बड़ा टैक्स वसूली का आंकड़ा किसी निकाय का होगा।

टैक्स वसूली की राशि में सम्पति, जल और कचरा संग्रहण शुल्क भी शामिल (Property, water and garbage collection charges are also included in the amount of tax collection) है। कचरा संग्रहण शुल्क सम्पतिकर के बिल में जोड़कर दिया जाता है। नगर निगम पर लगातार यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि वह टैक्स (सम्पति, जल और कचरा संग्रहण) में तमाम प्रयासों के बावजूद विफल साबित होता है। वसूली अधिकारी ईमानदारी से कर्तव्य का निर्वहन नहीं करते। परिणामस्वरूप निगम का खजाना खाली पड़ा रहता है। खजाना खाली पड़ा होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे।

 

Zero tolerance in tax collection

राजस्व विभाग की अपर आयुक्त ने टैक्स वसूली में जीरो टालरेंस (Zero tolerance in tax collection) की तर्ज पर काम करना शुरू किया। सभी मातहतों को कड़े निर्देश दिए कि वे वसूली में कोताही नहीं बरते, अन्यथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वसूली को लेकर रोजाना समीक्षा भी करती रही। कम टैक्स लाने वाले कर्मचारियों को फटकार भी लगाई। यही कारण रहा कि अपेक्षा से अधिक राशि खजाने में जमा हो गई।

 

Set daily goal

अपर आयुक्त ने सभी 19 जोनों ने वसूली अधिकारियों की तैनाती की थी। प्रत्येक अधिकारी को रोज 50 करोड़ के आसपास वसूली का लक्ष्य दिया था। लक्ष्य के मुताबिक, काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई। वहीं, अधिक टैक्स बकायादारों की सम्पति कुर्क व जब्ती की कार्रवाई भी गई। शेष दिनों में जलकर के लिए रोज 4.50 करोड़ तथा सम्पतिकर 12 करोड़ वसूलने का लक्ष्य तय किया है। 12 मार्च को लगने वाली लोक अदालत में अधिक टैक्स जमा होता है, तो लक्ष्य को कम कर दिया जाएगा।

नगर निगम के राजस्व विभाग की अपर आयुक्त भव्या मित्तल के मुताबिक, निगम ने अब तक 642 करोड़ रुपए का टैक्स वसूल लिया है। इस माह के अंत तक यह आंकड़ा 700 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद प्रदेश में निगम सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाले निकाय में शामिल हो जाएगा।