Indore : पुलिस ने वाहन चुरा एक ऐसी गैंग को पकड़ा है, जिसने इंदौर में सौ से ज्यादा वाहन चुराकर 2-4 हज़ार में बेच दिए। ये गैंग गुना और अशोकनगर में सक्रिय है। इसके पास से पुलिस ने 24 वाहन जब्त किए हैं। बदमाश ने पकड़े जाने के दो सप्ताह तक अपनी गैंग के सरगना का नाम नहीं बताया! उसे डर था कि यदि नाम बताया तो गब्बर उसके हाथ काट देगा!
पकड़े गए एक वाहन चोर गोपाल ने बताया कि हम जिसे गाड़ी बेचते हैं, वो ऐसी कई गैंग चलाता है और उसका नाम गब्बर है। उसने बोल रखा है कि यदि पुलिस के सामने मेरा नाम लिया तो वह हमारे हाथ काट देगा। विजय नगर टीआई तहजीब काजी के मुताबिक, पुलिस ने वाहन चोरों की गैंग के तीन लोगों को पकड़ा है। ये हैं गोलू (33) पिता गोपाल निवासी गुना, बबलू (33) पिता गुलाब सिंह निवासी विदिशा और नरेंद्र (20) पिता कन्हैयालाल निवासी गुना। ये बदमाश गुना और अशोकनगर से इंदौर आकर यहां किराए का मकान लेकर रहते थे और वाहन चुराकर भाग जाते! ये लोग रैकी के बाद भीड़ भरी जगह से पार्किंग से वाहन चुराते थे। इस पूरी गैंग में 34 बदमाश हैं, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। गुना इलाके में शराब और सागौन लकड़ी की तस्करी में इन्हीं गाड़ियों से होती है। गाड़ी नहीं बिकती तो उसके पार्ट्स काटकर बेच देते। एक्टिवा की डिमांड होने के कारण उसकी ज्यादा चोरी होती थी।
पकड़े जाने के बाद पुलिस ने गोलू से लगातार 15 दिन तक पूछताछ की, कि वह किसे गाड़ी बेचता और उसका सरगना कौन है! पर वो नहीं बोला। पुलिस ने उसे भरोसे में लेकर पूछा तो गोलू ने आरोपी का उसका नाम अरुण बताया। अरुण उर्फ गब्बर जो गुना जिले के गुलावड़ा का रहने वाला है। वह गिरोह के लोगों को धमकी देता है, कि यदि मेरा नाम बताया तो वह उसके हाथ कटवा देगा इस कारण कोई उसका नाम नहीं लेता।
चोरों के पास से पुलिस को 40 से ज्यादा चाभियां मिली, जिनसे कोई भी वाहन स्टार्ट किया। इन्हीं से ये विजय नगर, हीरा नगर, संयोगितागंज, बाणगंगा जैसे इलाकों में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। गाड़ी चोरी के बाद या तो वे नालों में छुपा दिया करते या सुनसान इलाके में फेंक आते। मौका मिलते ही लेकर गुना भाग जाते। गोलू, बबलू और नरेंद्र इंदौर से गाड़ियां चुराने के बाद गुना के गोला वाला तोरई जैसे गांव में जाते और 2 से 3 हज़ार में अरुण नामक सरगना को यह गाड़ियां बेच देते और वापस इंदौर लौट आते थे।
कुछ समय पहले विजय नगर थाना क्षेत्र में कंजर गैंग पकड़ाई थी, जिसके बाद चोरी में अचानक गिरावट आई। लेकिन, फिर गाड़ियां चोरी होने की घटनाएं बढ़ीं तो पुलिस ने अपोलो टॉवर से वाहन चुराते हुए लाल शर्ट में एक आरोपी को देखा। उसका सीसीटीवी कैमरे के आधार पर पीछा करने पर मालवीय नगर तक पहुंची। वहां गोलू किराए से रहता था। मकान मालिक से उसका मोबाइल नंबर मिला। इस आधार पर उसे बाणगंगा इलाके में ढूंढा। उसे पता चला कि पुलिस ढूंढ़ रही है, तो गोलू अपने गांव भाग गया। पर, पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस करके गोलू के गांव से गिरफ्तार कर लिया। गोलू ने बताया कि वह पिछली नवरात्रि में इंदौर आया था। छोटे-मोटे काम करता रहता था। 2011 में इसमें पहला वाहन चुराया था। इसके बाद वह उसने गैंग के साथ जुड़कर 100 से ज्यादा गाड़ियां चुराई।