कौशल किशोर चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट
भोपाल: मॉं अहिल्याबाई की नगरी इंदौर मध्यप्रदेश का गौरव बढाने में हमेशा ही अव्वल रही है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में ख्यात इंदौर उपलब्धियों के मामले में देश को लोहा मनवा रहा है तो प्रदेश में भी अव्वल रहकर गौरवान्वित करने का मौका नहीं छोड़ता। उपलब्धियों की फेहरिस्त के मामले में आईएएस अफसर और वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह का भी इंदौर से विशेष नाता है, यह भी स्वीकार किया जा सकता है।
फिलहाल इंदौर का जिक्र इसलिए कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स के मामले में इंदौर ने मध्यप्रदेश में अव्वल स्थान हासिल किया है। इंदौर का प्रशासन फेसबुक, ट्विटर पर ख़ूब चहक रहा है। इंदौर कमिश्नर, कलेक्टर एवं जनसंपर्क के सोशल मीडिया पर दो लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। प्रशासन की सम्पूर्ण गतिविधियां और योजनाओं की जानकारी और किसी भी घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना काल में सोशल मीडिया का योगदान जनजागरूकता, संदेश पहुंचाने और जरूरतमंदों की मदद में विशेष रहा है। संभागीय जनसंपर्क कार्यालय इंदौर द्वारा अब ट्विटर के साथ-साथ इसी तरह के भारतीय संस्करण कू एवं पॉडकास्ट का उपयोग प्रारंभ किए जाने की भी तैयारी की जा रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो इंदौर कमिश्नर के ट्विटर पर फॉलोअर्स 32263 हैं जबकि दूसरे नंबर पर उज्जैन कमिश्नर के ट्विटर पर फॉलोअर्स मात्र 13372 हैं। इसी तरह इंदौर कलेक्टर के फॉलोअर्स 76758 हैं जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल कलेक्टर के 46313 हैं और इंदौर ज्वाइंट डायरेक्टर जनसंपर्क के फॉलोअर्स 21000 हैं जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल ज्वाइंट डायरेक्टर के 13100 हैं।
वैसे सोशल मीडिया में प्रदेश में अव्वल इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में लगातार अव्वल रहकर परचम फहरा रहा है। मनीष सिंह के नगर निगम आयुक्त इंदौर रहते शुरू हुई यह उपलब्धि जारी है, जबकि इसके बाद उज्जैन कलेक्टर, मंत्रालय में रहने के बाद उन्होंने पिछले डेढ़ साल से इंदौर कलेक्टर के पद पर अपनी आमद दी हुई है। स्वच्छता में चार बार से देश में नंबर एक इंदौर देश का प्रथम वॉटर प्लस शहर भी बन गया है। स्वच्छता विजय यात्रा में यह इंदौर की एक और बड़ी उपलब्धि है। स्वच्छता भारत मिशन शहरी के अंतर्गत देश के शहरों का विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर परीक्षण किया जाता है। इसमें ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस और वॉटर प्लस की श्रेणियाँ हैं। वॉटर प्लस का प्रमाण-पत्र उन शहरों को दिया जाता है, जिन्होंने ओडीएफ डबल प्लस के सभी मानकों को पूर्ण किया हो। साथ ही आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता हो। ट्रीटेड वेस्ट-वॉटर का पुन: उपयोग भी सुनिश्चित किया जाता हो।
इंदौर ने कोविड टीकाकरण में भी इतिहास बनाया है। समूचे देश में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले ज़िलों में इंदौर पहला जिला बन गया है जहाँ के शत प्रतिशत नागरिकों को प्रथम डोज की वैक्सीन लगायी जा चुकी है। हाल ही में इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि शत प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने के मामले में भी इंदौर इतिहास रचेगा। गौरतलब है कि इन्दौर ज़िले का लक्ष्य 28,07,559 लोगों का टीकाकरण करना था। 31 अगस्त को सायंकाल छः बजे ही इस लक्ष्य को पार करते हुए कुल 28,08,212 व्यक्तियों का टीकाकरण कर लिया गया था। गौरतलब है कि कोरोना काल में भी इंदौर मॉडल को पूरे देश में सराहना मिली थी।
भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान में भी इंदौर रोल मॉडल बनकर गौरव हासिल करने में सफल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य जिलों को भी इंदौर का अनुसरण करने की हिदायत दी थी। इंदौर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की थी। भू माफियाओं के विरुद्ध की गई इस कार्रवाई में सभी डाइमेंशन पर प्रभावी रूप से सक्रियता के साथ कार्य किए जाने की बात कही थी। यहां तक कहा था कि तीन दशकों से पीड़ित भूखंडधारियों के लिए इंदौर में जैसे राम राज्य स्थापित हो रहा है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो जहां भी अवसर मिलता है, इंदौर वहां ही पहले पायदान पर पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ता। बात चाहे स्वच्छता की हो, वाटर प्लस सिटी की हो या फिर सोशल मीडिया की। आपदा में भी अवसर तलाशकर चाहे कोरोना मॉडल की चर्चा की बात हो या फिर कोरोना से बचाव के लिए वैक्सिनेशन की। बात चाहे भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की हो या फिर खनन-रेत और शराब माफियाओं की। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री तो इंदौर जिला प्रशासन को बड़ी-बड़ी उपलब्धियों के लिए बधाई देते ही रहते हैं, पर वाकई अहिल्या की नगरी जब देश-प्रदेश में गौरव हासिल करती है तो हमारा मन भी बार-बार बधाई देने का करता ही है। इसी तरह मॉं अहिल्या की नगरी हमें देश-प्रदेश में हर समय गर्व करने का अवसर देती रहे।