भोपाल: मध्यप्रदेश में मंत्रालयीन तृतीय श्रेणी शासकीय कर्मचारियों को उनकी लापरवाही, अनियमितताओं के मामले में विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव केवल छोटी सजा ही दे सकेंगे। यदि किसी कर्मचारी को बड़ी सजा या जुर्माना देना हो तो यह अधिकार सामान्य प्रशासन विभाग के पास ही रहेगा। सजा के विरुद्ध अपील की सुनवाई भी सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ही सुन सकेंगे।
सामान्य प्रशासन विभााग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को कहा है कि मंत्रालयीन तृतीय श्रेणी शासकीय कर्मचारी सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आते है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इनकी पदस्थापना विभिन्न विभागों में की जाती है। शासकीय सेवकां पर लघु शास्ति एवं दीर्ध शास्ति अधिरोपित करने के लिए नियम तय है। ऐसे किसी भी शासकीय सेवक को दी गई सजा के विरुद्ध प्रस्तुत अपील का निराकरण सामान्य प्रशासन विभाग करेगा।
शासकीय सेवकों को दी गई छोटी और बड़ी सजा के विरुद्ध सामान्य प्रशासन विभाग में अपील की जा सकेगी।इन अपीलों की सुनवाई सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव करेंगे। यदि पदस्थी विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा लघु शासित अधिरोपित की जाती है तो सामान्य प्रशासन विभाग के समस्त कक्ष में पदस्थ शासकीय सेवकों के विरुद्ध लघु शस्ति, दीर्ध शास्ति अधिरोपित की जाती हहै तो अपीलीय अधिकारी अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन द्वारा नामांकित मंत्रालय में पदस्थ वरिष्ठतम अपर मुख्य सचिव होंगे।