प्रदेश के 53 हजार गांवों में पुजारियों को आवासीय भूमि का पट्टा देने की तैयारी

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भोपाल. प्रदेश के 53 हजार गांवोंं में प्राचीन मंदिरों में पूजा-पाठ कर रहे पुजारियों को राज्य सरकार उनके आवासीय मकानों की जमीन का पट्टा देने की तैयारी में है। यही नहीं मंदिरों से लगी मंदिरों की जमीन पर खेती कर पुजारियोंं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों की तर्ज पर उन्हें भी खाद-बीज और बिना ब्याज के कर्ज देने का प्रस्ताव है।

सामान्य वर्ग कल्याण आयोग ने सामान्य निर्धन वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया है जो इसी सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौपा जाएगा। सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे का कहना है कि प्रदेश में 55 हजार गांव है उनमें से 53 हजार गांव आबादी वाले है। इन मंदिरों में लंबे समय से पुजारी और उनके परिवार पूजा-पाठ करते आ रहे है। गांवों में अधिकांश मंदिरों में रोजाना दस से बीस रुपए चढ़ावा आता है। उसी से दीपक, घी-तेल, प्रसाद और दोनो समय पूजा-पाठ करने वाले पुजारियों ने गांव में जिन जमीनों पर मकान बनाए है अभी तक उनके पास उसका कोई मालिकाना हक नहीं है।

सीमित आमदनी के कारण पुजारियों की गुजर-बसर में काफी दिक्कत होती है। इसको देखते हुए सामान्य वर्ग कल्याण आयोग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है कि पुजारियों को उनके आवासीय मकानों का पट्टा सरकारी स्तर पर जारी किया जाए। साथ ही पुजारियों को आत्मनिर्भर बनाने मंदिर से लगी जमीन पर खेती करने के लिए किसानों की तरह उन्हें बिना ब्याज का कर्ज उपलब्ध कराया जाए। खाद-बीज भी उन्हें दिया जाए और वे खेती कर किसानों की तरह इस कर्ज की अदायगी करें।

जिला-संभाग स्तर पर हल होंगी समस्याएं-गांवों में छोटी दुकानें संचालित करने वाले लोगों और ग्रामीण आबादी के लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिला और संभाग स्तर पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।इन सेमिनार में गैर राजनैतिक लोगों, सरकार , सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और आमजन को आमंत्रित किया जाएगा। यहां उनकी समस्याएं सुनी भी जाएंगी और उनके निराकरण के लिए सरकारी स्तर पर बात भी की जाएगी। लोगों को उनके लिए संचालित की जा रही योजनााओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए बनेंगे छात्रावास-
गांव के सामान्य वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चे जो इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते है। उनके लिए अन्य वर्गो की तरह छात्रावास शुरु किए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।