चैत्र नवरात्र विशेष:भारतीय नववर्ष शनि के नाम रहेगा, चार प्रमुख पदों पर रहेगा आधिपत्य – आचार्य पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक

दुर्लभ संयोग वर्षों बाद निर्मित हो रहा है जो देश दुनिया मे भारत का मान सम्मान बढ़ायगा

993

नवरात्र में माँ घोड़े पर सवार हो आएगी और भैसें पर सवार हो जाएगी

नववर्ष  विक्रम 2079 का राजा शनि व मंत्री गुरू होंगे, अप्रैल माह में  सभी नवग्रह करेंगे राशि परिवर्तन

         इंदौर: इस वर्ष भारतीय नववर्ष का आरम्भ शनिवार से हो रहा है। अतः वर्ष का राजा *शनि* होगा। चैत्र ( राम ) नवरात्र  पूरे नो  दिनों के होंगे।

आचार्य पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक
ने बताया कि 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा से 10 अप्रैल रामनवमी तक माँ शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक नवदुर्गाओं की पूजा अर्चना होगी।भारतीय नववर्ष विक्रम 2079 *नल* नामक सम्वत्सर का श्रीगणेश होगा।नए वर्ष पर न्याय के देवता शनि का आधिपत्य रहेगा।
नववर्ष के मंत्री मण्डल  (आकाशीय कौंसिल )में दस में से चार प्रमुख विभाग शनि के आधिपत्य में रहेंगें।
आचार्य  पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि चैत्र नवरात्रि का आरम्भ तीन प्रमुख राजयोगों सरल,सतकीर्ती व वेशि महायोग में रेवती नक्षत्र, ऐन्द्र योग ,बृहस्पति प्रधान मीन राशि के चन्द्रमा में शनिवार को हो रहा है।इस वर्ष नवरात्र पूरे नो दिनों के है। 3 अप्रैल को मत्स्य जयंती,4 अप्रैल को गौरी तृतीया ( गणगौर ),5 अप्रैल को अंगारक चतुर्थी, 6 अप्रैल को श्री पचंमी,7 अप्रैल को स्कंद षष्ठी,9 अप्रैल को श्री दुर्गा अष्टमी व 10 अप्रैल को रविपुष्य, सर्वार्थसिद्धि महायोग में श्री रामनवमी के साथ नवरात्र का समापन होगा।
आचार्य रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि नवरात्र का आरम्भ जब शनिवार से होता है तो माँ का आगमन घोड़े पर होता है,समापन जब रविवार को होता है तो बिदाई भैंसे पर होती है।
संहिता गर्न्थो की माने तो घोड़ा युद्ध व भैंसा रोग व जन कष्ट के संकेत देता है। वर्ष के दशाधिकारियों में न्याय के देवता शनि का आधिपत्य है। शनि दुःख व कष्ट के साथ न्याय का कारक है। वर्ष मिलाजुला रहेगा।5 पद शुभ तो 5 पद अशुभ ग्रहों को प्राप्त हुए है।
आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि नएवर्ष के श्रीगणेश में मंगल,राहु केतु अपनी उच्च राशि मे व शनि अपनी स्वयं की राशी में गोचर करेंगे। यह ग्रहों का दुर्लभ संयोग वर्षों वर्ष बाद निर्मित हो रहा है जो देश दुनिया मे भारत का मान सम्मान बढ़ाने वाला होगा।
आचार्य शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2022  नव ग्रहों के राशि परिवर्तन के नाम रहेगा।7 अप्रैल को मंगल कुम्भ में, 14 अप्रैल को सूर्य मेष में, 8 अप्रैल को बुध मेष में, 13 अप्रैल को देवराज गुरु अपनी उच्च राशि मीन मे,शुक्र 27 अप्रैल को मीन में व राहु व केतु मध्यमगति से 12 अप्रैल को  मेष व तुला में प्रवेश करेंगे।चन्द्रमा सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करता है।इस प्रकार अप्रैल माह ग्रहों के राशि परिवर्तन के नाम रहेगा।
आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि चैत्र नवरात्र में घटस्थापना ब्रह्म मुहूर्त में शुभ रहेगी।प्रतिदिन वृद्धि क्रम से नवदुर्गाओं को लाल गुलाब के पुष्प  अर्पित करे।रामचरित मानस का पाठ;दुर्गा सप्तशती का पाठ ,नवार्ण मन्त्र जाप व राम रक्षा स्तोत्र के पाठ से मनोकामना पूर्ती होती है। गुड़ीपड़वा पर अपने अपने घरों में केशरिया ध्वजा अवश्य लगाए व स्वास्थ्य लाभ हेतु नीम की कच्ची कोपलों का सेवन करें। भारतीय नववर्ष की अनन्त मंगल कामनाएं; सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःख  भाग भवेत।।