Two Cases of Fraud : KYC अपडेट करने के नाम पर सवा दो लाख रु की चपत

15 दिन में दो गुना लाभ का झांसा देकर लाखों रुपए लेकर फरार

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Indore : केवाईसी अपडेट करने के नाम पर सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक के साथ सवा दो लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। राज्य साइबर सेल ने शिकायत के बाद अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने की प्रक्रिया कर फरियादी को पूरी राशि वापस दिलवाई।

6 अप्रैल को सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक मनोज कुमार गिर्राज निवासी कालिंदी मिडटाउन ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर बैंक खाते के केवाईसी अपडेट करने के लिए मैसेज आया। मैसेज की लिंक पर क्लिक किया, तो भारतीय स्टेट बैंक से मिलता जुलता एक फर्जी पेज खुला।

इसमें इंटरनेट बैंकिंग की लॉग इन ID व पासवर्ड दर्ज करना था। इसके बाद बैंक खाता नंबर व रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद अगले पेज पर OTP दर्ज करना था। ओटीपी डालते ही ठग ने खाते का एक्सेस प्राप्त कर दिया और कुछ ही देर बाद फरियादी को भारतीय स्टेट बैंक से दो मैसेज आए।

इसमें खाते से दो बार में दो लाख 25 हजार रुपए डेबिट होने की जानकारी दी गई। इस पर राज्य साइबर को शिकायत की गई। जांच के दौरान पता चला कि ठग ने दो अन्य खातों में राशि स्थानांतरित की है। बैंक से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने की प्रक्रिया की गई और राशि फरियादी को वापस दिलाई गई।

दोगुने लाभ का झांसा देकर ठगी

फारेन एक्सचेंज कंपनी में इन्वेस्टमेंट के बाद 15 दिन में दो गुना लाभ का झांसा देकर आरोपी गण 15 से ज्यादा लोगों के लाखों रुपए लेकर फरार हो गए हैं। पीड़ित अपना आफिस भी बंद कर गए हैं। अन्नपूर्णा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक प्रियांशु श्रीवास्तव की शिकायत बाद राहुल मेहरा,अमित रजक, शब्द सिन्हा और रोहन मेहरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

प्रियांशु राहुल को पहले से जानता था। पिछले साल सितंबर में राहुल ने उसे कुछ साथियों से मिलवाया और बताया कि वह फारेन एक्सचेंज कंपनी मैजिक मनी इन्वेस्टमेंट में काम करते हैं। यहां केवल 15 दिन में ही बाजार रिस्क से रुपए खाते में जाने के बाद इन्वेस्टमेंट का डबल रिटर्न मिलता है।

प्रियांशु झांसे में आ गया और उसने पांच साथियों के साथ मिलकर 20-20 हजार रुपए इकट्ठा किए और ये पैसा राहुल को कंपनी में इन्वेस्ट करने के नाम पर दे दिए। 15 दिन बाद राहुल ने 60 प्रतिशत लाभ देकर ये पैसा लौटा दिया।

इसके बाद तो प्रियांशु को राहुल पर पूरा भरोसा हो गया। उसके बाद उसने अपने दोस्तों और परिजन के 15 से ज्यादा सदस्यों से लाखों रुपए इकट्ठा किया और राहुल को दे दिया। करीब सालभर बाद भी इन्हें पैसा नहीं मिला। तो ये राहुल के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि वह दफ्तर बंद करके गायब है। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।