Uma Bharti at Raisen : सोमेश्वर शिव मंदिर का जलाभिषेक करने उमा भारती रायसेन पहुंची
Raisen : ‘मीडिया वाला’ की आशंका सही साबित हुई। प्रशासन के रायसेन किले के सोमेश्वर मंदिर का दरवाजा नहीं खोलने की सूचना के बावजूद उमा भारती सुबह रायसेन के किले पर पहुंच गई! ऊपर जाकर उन्होंने शिव जी के मंदिर के बाहर धरना दे दिया।
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि जब तक किले के मंदिर का ताला नहीं खुलेगा तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। उनके साथ पांच पंडित शिवजी का अभिषेक कर रहे हैं। कलेक्टर, एसपी, डीआईजी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी वहां मौजूद हैं। मीडिया को किले पर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
पूर्व मुख्यमंत्री रायसेन के किले के सोमेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए वहां पहुंची है। लेकिन, उनके समर्थकों को किले में जाने से पहले ही रोक दिया गया। उमा भारती ने रायसेन किले के मंदिर के ताला खुलने तक अन्न त्यागने की घोषणा करके अपने इरादे भी बता दिए। ऐसी स्थिति में प्रशासन की सांस फूल गई।
प्रशासन ने किले की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पहुंच मार्ग से प्रवेश द्वार और मंदिर के चारों तरफ सुरक्षाकर्मी सुबह से तैनात हैं। प्रशासन ने अभी इस बात के कोई संकेत नहीं दिए कि उमा भारती को शिवलिंग का पूजन व जलाभिषेक कराया जाएगा या नहीं!
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी नियमित प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि उनकी उमा भारती से बात हो गई है। जो भी होगा कानून के तहत होगा!
गृह मंत्री के इस बयान से ये बात साफ़ हो गई कि उमा भारती के दबाव में मंदिर का दरवाजा नहीं खुलेगा। जो भी कार्रवाई होगी वो नियम-कानून के तहत ही की जाएगी।
शराबबंदी के बाद उमा के जलाभिषेक से संकट….
उमा भारती आज सुबह रायसेन के सर्किट हाउस पहुंची। वहां स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उमा भारती किले पर चढ़ाई के लिए रवाना हो गई।
कुछ अधिकारियों के साथ वे किले के लिए रवाना हुई। उनके साथ मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी। पहाड़ी के नीचे कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्हें भी किले पर जाने की अनुमति नहीं मिली।
उमा भारती के गर्भगृह में प्रवेश कर शिवलिंग के जलाभिषेक की जिद पूरी करने को लेकर सरकार कोई रियायत देने के मूड में नहीं दिख रहा! कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने पहले ही चिट्ठी लिखकर उन्हें जानकारी दे दी थी कि रायसेन का किला एवं उसमें बना शिव मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। प्रशासन या राज्य सरकार दरवाजे नहीं खोल सकता।