राजधानी भोपाल का कुशाभाऊ ठाकरे हॉल भोपाल 12 अप्रैल को चैंपियंस ऑफ चेंज (सीओसी) मध्यप्रदेश पुरस्कार समारोह का साक्षी बनने जा रहा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि समारोह का संचालन इंटरैक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी (आईएफआईई) एवं सीओसी मध्यप्रदेश इकाई के महामंत्री देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर करेंगे। यानि कि पिता नरेंद्र सिंह तोमर की राजनीतिक पहचान से अलग इस पुरस्कार समारोह के जरिए पूरा मध्यप्रदेश पुत्र देवेंद्र प्रताप की आवाज को सुनकर उनके व्यक्तित्व से रूबरू होगा।
परिवारवाद से किनारा करती भाजपा में अब नेता पुत्र अलग-अलग प्लेटफार्म के जरिए अपनी पहचान बना रहे हैं। ऐसे में देवेंद्र की राष्ट्र निर्माण में सहभागी विशिष्ट हस्तियों का सम्मान करने वाले संगठन का हिस्सा बनना विशिष्ट सोच मानी जा सकती है। चैंपियंस ऑफ चेंज मध्यप्रदेश पुरस्कार भी मूल रूप से चैंपियंस ऑफ चेंज राष्ट्रीय पुरस्कार आयोजन का एक राज्य संस्करण है, जो कि साहस, सामुदायिक सेवा और समावेशी सामाजिक विकास के मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। व्यक्तिगत और संगठनों द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों का सम्मान कर यह उद्देश्य की पूर्ति में रत है।
संस्था की गरिमा के अनुकूल ही यह आयोजन भी गरिमामय है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के हाथों जिन हस्तियों का सम्मान होना है, उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं। पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष व प्रमुख सलाहकार के रूप में पूर्व न्यायाधीश केजी बालकृष्णन की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। तो पुरस्कार चयन समिति के सदस्य वेदप्रताप वैदिक एवं पूर्व भारतीय राजनयिक दयाकर रताकोंडा समारोह की गरिमा बढ़ाएंगे। तो राजधानी इस गरिमामय सम्मान समारोह का हिस्सा बन देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर के प्रति वात्सल्य से जरूर भर जाएगी।
सबसे अहम बात है कि यह पुरस्कार लोकतंत्र की भावना पर खरे उतरने का साहस भी भरते हैं। चयन समिति सदस्य वेदप्रताप वैदिक का दावा है कि शिवराज, अजीज कुरैशी को सम्मानित करना यह पुख्ता करता है कि यह पुरस्कार दलगत भावना से परे हैं। तो सैय्यद जफर इस्लाम और विक्रम वर्मा, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, पर्वतारोही मेघा परमार, डॉ.भागीरथ प्रसाद, तीजन बाई, कलापिनी कोमकली, पियूष मिश्रा, दिव्यंका त्रिपाठी और दिलीप सूर्यवंशी जैसे नाम चैंपियंस के पर्याय होने का दम भरते नजर आते हैं। नाम और भी हैं, लेकिन इतने नाम ही गवाही दे रहे हैं कि पुरस्कार भी दमदारी से अपनी कसौटी पर खरा है। यह पुरस्कार और चयन समिति की विश्वसनीयता ही है कि संस्था द्वारा पुरस्कृत हस्तियों पोपटराव पवार, सिंधुताई सपकाल, सोनू निगम आदि को बाद में पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया।
यह पुरस्कार देश की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के साहस, पराक्रम और देशप्रेम से प्रेरणा लेकर शुरू किया गया है। एडवोकेट नंदन झा चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड के संस्थापक व अध्यक्ष हैं। तो खास बात यह है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अलावा यह पुरस्कार अब इस साल से ग्लोबल चैंपियन ऑफ चेंज के नाम से अमरीका के वाशिंगटन में आयोजित किया जाएगा।
26 दिसंबर 2018 से विज्ञान भवन नई दिल्ली से शुरू हुई सीओसी अवार्ड की यात्रा गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना होते हुए मध्यप्रदेश पहुंची है। तो मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, स्वामी अवधेशानंद गिरि, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, स्वामी चिदानंद सरस्वती सहित कला-फिल्म क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है। यह हस्तियां पुरस्कार के लोकतांत्रिक स्वरूप पर खुद-ब-खुद अपनी मुहर लगाती हैं। तो देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का यह लोकतंत्रीय प्रयास जारी रहे। भारत का लोकतंत्र विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुका है। तो देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर भी इस लोकतांत्रिक पहचान के जरिए राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़कर चैंपियन ऑफ चेंज बनें।