IAS के प्रेमी को लगी नजर! (IAS Lover Caught Sight);
इस महीने मप्र कैडर की आईएएस शैलबाला मार्टिन व वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाठक की प्रेम कहानी जबरदस्त सुर्खियों में रही। देशभर के अखबारों और टीवी चैनलों ने इस खबर को कुछ ज्यादा ही महत्व दिया। इसी बीच खबर आई कि राकेश पाठक अचानक बीमार हो गए हैं, उन्हें ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तमाम जांचों के बाद डॉक्टरों ने उन्हें फिट बताकर घर भेज दिया। पाठक की मित्र मंडली का कहना है कि राकेश भाई को किसी की नजर लग गई है, इसीलिए वे अचानक बीमार पड़ गये थे। अब देखना है कि शैलबाला मार्टिन अपने इस प्रेमी की नजर किस से उतरवाती हैं?
आप पार्टी का चेहरा हो सकते हैं यह आईएएस!
मप्र के चर्चित आईएएस नियाज खान क्या अगले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं? मुखबिर का कहना है कि नियाज खान इस संबंध में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने कुछ मित्रों से मशविरा भी किया है। नियाज खान पिछले महीने तब चर्चा में आए जब उन्होंने फिल्म कश्मीर फाइल्स पर टिप्पणी करते हुए कुछ राज्यों में मुसलमानों की निर्मम हत्या पर भी ऐसी ही फिल्म बनाने की सलाह दी थी।
नियाज की सलाह से राज्य सरकार तिलमिला गई थी और उन्हें नोटिस थमा दिया था। नियाज खान ने कई उपन्यास लिखे हैं। पद पर रहकर ही वे कई हस्तियों से टकरा रहे हैं। आश्रम सीरीज की पटकथा को अपना उपन्यास बताते हुए नियाज खान ने एक जानेमाने फिल्म निदेशक और कलाकारों को कोर्ट में खींच लिया है। अब यह तो नहीं पता कि आम आदमी पार्टी उनके संपर्क में है या नहीं, लेकिन नियाज खान राजनीति में जाने की संभावना तलाश रहे हैं, इतना तय है।
भोपाल में भिण्ड मुरैना
इस खबर में कितनी दम है यह तो नहीं पता, लेकिन भोपाल भाजपा में यह चर्चा तेज है कि भोपाल में भिण्ड मुरैना का वर्चस्व बढ़ने वाला है। अटकलें चल रही हैं कि भोपाल की सांसद व भिण्ड की बेटी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वयं को मप्र की राजनीति में सक्रिय करने सांसद के बजाय विधायक बनना चाहती हैं।
वे अगला चुनाव भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से लड़ना चाहती हैं। साध्वी ने इस सीट पर सक्रियता भी बढ़ा दी है। दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा लोकसभा का अगला चुनाव भोपाल से लड़ना चाहते हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में भी भोपाल से लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। शर्मा मुरैना के रहने वाले हैं। ऐसा हुआ तो भोपाल में भिण्ड मुरैना का महत्व बढ़ जाएगा।
दुल्हा बनने की तैयारी में युवा संत
मप्र के अध्यात्मिक जगत में तेजी से उभर रहे युवा संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री यानि बागेश्वर महाराज जल्दी ही दुल्हा बनने की तैयारी में हैं। उनके गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने उनके विवाह की घोषणा करते हुए कहा कि बागेश्वर धाम गृहस्थ संत की गद्दी है।
जिस समय यह घोषणा की गई तब बागेश्वर महाराज के चेहरे पर खुशी और शर्म के भाव एकसाथ देखे जा सकते थे। लेकिन इस घोषणा के बाद मीडिया की इन अटकलों ने महाराज को परेशान कर दिया है कि उनका विवाह कथावाचक जया किशोरी से होने जा रहा है। बागेश्वर महाराज ने सभी मीडिया कर्मियों से यह खबर हटाने की बात कहते हुए ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सिंधिया के निशाने पर प्रवीण पाठक!
ऐसा लगता है कि ग्वालियर दक्षिण के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीधे निशाने पर ले लिया है। पिछले 5 महीने में सिंधिया 14 बार ग्वालियर के दौरे पर आए इनमें 12 बार उन्होंने किसी न किसी बहाने पाठक के विधानसभा क्षेत्र में आमद जरूर दी है। यूं तो ग्वालियर जिले की छह में से चार सीट पर सिंधिया विरोधी कांग्रेस विधायकों का कब्जा है। लेकिन सिंधिया के निशाने पर प्रवीण पाठक ही दिखाई देते हैं।
मुखबिर का कहना है कि जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों को भी प्रवीण पाठक पर नकेल कसने के संकेत दे दिए गये हैं। यही कारण है कि पाठक का प्रशासन से टकराव बढ़ता जा रहा है। मजेदार बात यह है कि पाठक का टकराव पुराने भाजपा नेताओं से नहीं, सिंधिया खेमे से हो रहा है। पहली बार के विधायक पाठक फिलहाल तो पूरी ताकत से इन राजनीतिक हमलों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
भाजपा विधायकों की नींद हराम
मप्र में भाजपा संगठन हमेशा ही चुनाव के मोड में रहता। पिछले कुछ दिन से पार्टी में बैठकों के दौर तेज हो गए हैं। मौजूदा विधायकों में से किसे टिकट मिलेगा, किसका कटेगा इसे लेकर अभी से रणनीति बनने लगी है। पार्टी में चल रहे मंथन से यह खबर निकल कर आई है कि इस बार 70 फीसदी विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। कुछ उम्रदराज होने के कारण घर बिठाए जाएंगे।
बहुत से विधायकों के खिलाफ जनता में नाराजगी है। कुछ जातिगत समीकरण की बलि चढ़ाए जाएंगे। इन खबरों ने विधायकों की नींद उड़ा दी। भाजपा के अधिकांश विधायक टिकट बचाने के हथकंडे और टोटके तलाश रहे हैं। कुछ पूजा पाठ करा रहे हैं। कुछ चुनाव से पहले पूरी तरह कट्टर हिन्दुत्व एजेंडे पर काम कर रहे हैं। यह हर मुद्दे पर भड़काऊ बयान देकर सुर्खियों में बने रहते हैं। कुछ भागवत कथा व भंडारे जैसे पुराने तरीकों में व्यस्त हैं। यह तय है कि भाजपा में अब नेताओं की परिक्रमा से टिकट मिलना मुश्किल हो गया है।
और अंत में….
मप्र के दो शानदार आईएएस अफसर केन्द्र में जाने के लिए प्रयासरत हैं। एसीएस मनोज गोविल को मप्र सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। दूसरी ओर प्रमुख सचिव आकाश त्रिपाठी भी केन्द्र में जाना चाहते हैं उन्हें भारत सरकार की अनुमति का इंतजार है।
यह भी खबर है कि भारत सरकार में लंबे समय से प्रतिनियुक्त पर चल रहे आईएएस मनोहर अगनानी की इसी महीने वापसी हो सकती है।