इंदौर से अनिल शुक्ला की रिपोर्ट
Indore : लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए आरओ वॉटर प्लांट बदहाल स्थिति में पहुँच गए है। किसी में पानी नहीं है तो किसी में नल और टोटियां गायब है। इनके आसपास गंदगी भी देखी जा सकती है। रखरखाव नहीं होने से यह स्थिति हुई।
गर्मी के दौरान लोगों को शीतल और ठंडा पानी मिल सके इसे ध्यान में रखते हुए इंदौर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कुछ साल पहले 100 आरओ वॉटर प्लांट लगाए गए थे। इनकी स्थापना शहर के प्रमुख मार्ग, बाजार, रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक स्थानों की गई थी। इन पर करीब तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। प्लांट लगाने के बाद स्मार्ट सिटी कंपनी ने रखरखाव का जिम्मा PHE विभाग को सौप दिया था। शहर में लगाए गए आरओ प्लांट की व्यवस्था तो शुरुआत में अच्छी रही, लेकिन बाद में देखरेख नहीं होने से बिगड़ती गई।
आज स्थिति यह है कि किसी में पानी नहीं रहता है तो किसी में नल और टोटियां गायब है। इनमें बराबर पानी नहीं भरा जाता है। साफ सफाई का भी भगवान मालिक है। कई स्थानों पर प्याऊ के आसपास गंदगी भी देखी जा सकती है। करोडों रूपए ख़र्च करके लगाए गए आरओ प्लांट की बर्बादी हो रही है। इसके पीछे मुख्य वजह रखरखाव नहीं होना है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने PHE को जिम्मेदारी सौप कर इतिश्री करली है। स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रभारी डीआर लोधी ने बताया कि कुछ साल पहले स्मार्ट सिटी के तहत सौ स्थानों पर इस तरह पानी की व्यवस्था लगाए गई थी। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी पीएचई विभाग को सौपी गई थी। अब इनकी ऐसी स्थिति को लेकर PHE विभाग ही जानकारी दे सकता है।
इस मामले में PHE के इंजीनियर सौरभ माहेश्वरी से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि प्याऊ के रखरखाव का जिम्मा तीन साल के लिए निजी कंपनी को दिया है। ठेका दिए दो साल हो चुके है। उन्होंने जानकारी दी कि प्लांट में पानी भरने की जिम्मेदारी PHE विभाग है। श्रीवास्तव के अनुसार टोटियां चोरी होने की वारदात हो रही है। इसके लिए व्यवस्था की जा रही है। व्यवस्था जल्द ठीक करने की भी बात उन्होंने कही है।