बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट
बड़वानी- सांप्रदायिक तनाव के बाद सेंधवा में आ रहे सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट एहतेशाम हाशमी की टीम को प्रशासन द्वारा बालसमुद बेरियर पर रोका, दोनों को ही लौटना पड़ा वापस
बड़वानी- रामनवमी की जुलूस के दौरान हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद आज समाजसेवी मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एहतेशाम हाशमी और उनकी टीम सेंधवा दौरे जाना चाहते थे। इस दौरान प्रशासन द्वारा उन्हें आरटीओ बेरियार पर रोक लिया गया। जहां से यह लोग वापस लौट गए।
मेधा पाटकर ने कहा कि खरगोन और सेंधवा में जो हो रहा है वह बहुत दुखद है हम शांति का आव्हान करने जा रहे थे लेकिन हमें रोक लिया गया।
उन्होंने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कोई आरोप नहीं, पंचनामा नहीं, कोई नुकसान भरपाई की बात नहीं जो जेल में रहे युवाओं पर झूठे आरोप लगाए गए जबकि वह मोटरसाइकिल पर हमला कहां करते वह जेल में थे। उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं। हमारा हरदम शांति का पथ रहेगा।
वही एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की लॉयर को और एक समाज सेविका को भी जाने नहीं दिया जाएगा तो अब आप क्या समाज में मैसेज देना चाहेंगे।
उन्होंने इस मामले पर एसआईटी के गठन की मांग करते हुए कहा कि इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच कराने की मांग हम हाई कोर्ट में करेंगे।
खुद को रोके जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ तो गलत हुआ है जिसके चलते लायर और समाजसेवियों को अंदर जाने से रोका जा रहा है।
देखिये वीडियो: क्या कह रही हैं, मेधा पाटकर (नर्मदा बचाओ आंदोलन)-
देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, एहतेशाम हाशमी (एडवोकेट)-