Jhabua Chaupal:कलेक्टर को हिदायत का जिम्मेदार कौन!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत आने पर कलेक्टर सोमेश मिश्रा को हिदायत दे डाली। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर को यह हिदायत दी थी। मुख्यमंत्री द्वारा दी गई इस हिदायत के कई अर्थ निकाले जा रहे है। इस हिदायत को भ्रष्टाचार न हो, यह माना जाए या ऐसी शिकायत उन तक न पहुंचे यह मानें!
कोरोना महामारी के दौरान कलेक्टर द्वारा किए गए प्रशंसनीय कार्यों पर नजर अंदाज करते हुए मुख्यमंत्री की एक हिदायत भरी टिप्पणी ने पानी फेर दिया। भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत में कलेक्टर से ज्यादा जिम्मेदार शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप करने वाले सत्ता पक्ष के लोग होते हैं, जो अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हैं। मुख्यमंत्री की कलेक्टर को दी गई हिदायत के बाद चर्चा है कि कलेक्टर साहब की कभी भी विदाई हो सकती है। लेकिन, जानकारों का मानना है कि उत्तराखंड की देवभूमि (हरिद्वार) की कृपा से वे अपना कार्यकाल पूरा कर के ही जाएंगे।
बेचारे कांग्रेसी विधायक
कांग्रेस विधायक को सरकारी आयोजन में विशिष्ट अतिथि बनाया गया। शिलालेख पर नाम भी लिखा। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने विधायक को आयोजन में ही नहीं बुलाया। मामला जिले के पेटलावद विधानसभा क्षेत्र का है। जल संसाधन विभाग की योजना के शिलान्यास अवसर पर लगाए गए शिलालेख पर मुख्य अतिथि रतलाम संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर के नाम के बाद दूसरे नंबर पर विशिष्ट अतिथि कांग्रेस विधायक वालसिंह मेडा का नाम आना था।
लेकिन, विभाग के अधिकारियों ने कारगुजारी करते हुए कांग्रेस विधायक के नाम कि स्थान पर भाजपा जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक को तवज्जो दी, और कांग्रेस विधायक को तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया। अधिकारियों द्वारा किए गए इस भेदभावपूर्ण रवैये से नाराज विधायक अब इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कह रहे है!
भाजपा में थोपे गए नेता को बधाई!
सामाजिक न्याय पखवाड़ा की जिम्मेदारी भाजपा संगठन द्वारा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक यशवंत भंडारी को दी गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व महामंत्री श्यामा ताहेड को जिला प्रभारी बनाया गया। यह खबर समाचार पत्रों में छपी, खबरों की कटिंग भंडारी ने अपने फेसबुक पेज पर साझा की।
कई लोगो ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। साथ ही संगठन के इस निर्णय पर उंगली भी उठाई गई। भाजपा के जिला कार्यकारिणी सदस्य भूपेश सिंगोड ने भंडारी को फेसबुक पर बधाई देते हुए लिखा ‘पिछले साढ़े चार साल से आप गायब थे, फिर भी भाजपा ने आपको वाइल्ड कार्ड एंट्री देकर हम सबके उपर थोपा है, झेलेंगे आपको।
आपको जिसने चयनित किया उसको हार्दिक बधाई।’ इसी संदर्भ में सिंगोड ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा ‘झाबुआ नगर में नेताओं की वाइल्ड कार्ड एंट्री हो रही है। जो समझ में आएगा उसे स्वीकार किया जाएगा, नहीं तो बहिष्कार, बहुत जल्द विरोध के स्वर उभरेंगे।’ उन्होंने यह भी लिखा कि पिछले साढ़े चार साल से नदारद व्यक्ति को संगठन ने महती जवाबदारी दी, चयनकर्ता को सादर धन्यवाद। सक्रिय कार्यकर्ता की भावना का ध्यान रखें। इस प्रकार किसी व्यक्ति को हमारे ऊपर न थोपे, क्योंकि संगठन सर्वोपरि है। इसके जवाब में भंडारी ने लिखा ‘सौ बात की एक ही बात, जो अपनी निंदा करे वही अपना हितेषी होता है। हर बात पर संभलने का मौका देता है।
पुलिस अधिकारी का स्वागत या जमावट!
पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया होती है। लेकिन, इन अधिकारियों के स्थानांतरण और पदभार ग्रहण करने पर युवा नेताओं द्वारा स्वागत की परिपाटी चलन में आ रही है। पेटलावद के थाना प्रभारी संजय रावत के ट्रांसफर होने पर सोशल मीडिया के माध्यम से उनके कार्यकाल की उपलब्यिों का भरपूर बखान किया गया।
झाबुआ कोतवाली पर पदभार ग्रहण करते ही उनके स्वागत के लिए हार-फूल गुलदस्ता व मिठाई के साथ नए नवेले नेता, जुगाडू कार्यकर्ता थाने पर पहुंच गए। जिस तरह नवागत थाना प्रभारी का स्वागत किया गया, ऐसा स्वागत जिले के पुलिस कप्तान का ही होता है। वह भी विदाई समारोह के अवसर पर रावत के स्वागत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, उन्होंने पेटलावद में कैसी कप्तानी की होगी, तभी तो जिला मुख्यालय पर आए है!