मध्यप्रदेश और शिवराज की तारीफ कर रहे शाह और मोदी का गुजरात भी विकास में बहुत आगे है …

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मध्यप्रदेश और शिवराज की तारीफ कर रहे शाह और मोदी का गुजरात भी विकास में बहुत आगे है ...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश और शिवराज की तारीफ करते हुए कह रहे थे कि शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से बाहर निकाल कर समृद्ध बनाया। और वन समितियों के कार्यक्रम पर बोल रहे थे कि मैं, इतना ही कहना चाहता हूं, “आज का दिन  केवल मध्यप्रदेश के लिए ही नहीं, समग्र देश के आदिवासी कल्याण के इतिहास का ऐतिहासिक दिन है।” क्योंकि आज आदिवासी को जंगल का मालिक बनाने का काम किया है। मैं शिवराज जी और उनकी टीम को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथ-साथ मैं ये भी विश्वास दिलाता हूं कि यह कार्यक्रम रुकने वाला नहीं है। जितने भी कार्यक्रम हमने आदिवासी कल्याणी के घोषित किए हैं। 17 बिंदु समाप्त करके ही हम आपके आशीर्वाद के लिए वापस आयेंगे। मैं जबलपुर आया था। उस वक्त शिवराज जी ने एक स्पीड में 17 घोषणाएं आदिवासी समाज के लिए की थी; मुझे ठीक से याद है। मैंने भी कार्यक्रम के बाद पूछा था कि शिवराज जी घोषणाएं तो हो गई भैया! यह लोग हिसाब मांगेंगे। आज मैं आनंद के साथ कहता हूं,* मैंने रास्ते में हेलीकॉप्टर पर पूछा, तो शिवराज ने बताया कि “17 की 17 घोषणाओं पर काम चालू हो गया है और आज कुछ योजनाओं पर अमल भी हो गया है।” शाह ने कहा कि “मोदी जी की जो विचारधारा है।
गरीब से गरीब व्यक्ति और गरीब से गरीब बच्ची देश में अधिकार के साथ जिए और उसको दो वक्त की रोटी और रोजगार दोनों मिले। उस स्वप्न को आज आप साकार करने का काम कर रहे हैं।” शाह ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश की भूमि पर आना हमेशा एक विशेष अनुभव होता है। राजा भोज की नगरी भोपाल में जनता के इस अपार स्नेह एवं आशीर्वाद के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
निश्चित तौर से मध्यप्रदेश ने विकास के मामले में लंबी दूरी तय की है और इतिहास बनाया है। सबसे तेज गति से विकास दर के साथ यात्रा जारी है। जिसकी तारीफ खुद शाह कर रहे हैं, तो मोदी भी मध्यप्रदेश की तारीफ करने में पीछे नहीं रहते। पर पिछले कई दिनों की गुजरात यात्रा का मेरा निचोड़ यह है कि मोदी-शाह का गुजरात विकास के मायने में बहुत आगे है। अहमदाबाद-गांधीनगर से राजकोट, जूनागढ़ होते हुए सोमनाथ और यहां से गिर नेशनल पार्क, दीव तक की यात्रा की। तो इसके बाद सोमनाथ से पोरबंदर होते हुए द्वारिका और फिर पश्चिमी छोर ओखा और बेट द्वारिका तक पहुंचा। यही नहीं नागार्जुन मंदिर और गोपी तालाब ग्राम पंचायत तक देखी।
और अंत में द्वारिका से जामनगर होते हुए वापस अहमदाबाद-गांधीनगर तक सड़क मार्ग से ही आया। विकास की जो समग्र तस्वीर यहां दिखती है, वह वाकई तारीफ के काबिल है। बड़े-बड़े उद्योग यहां के विकास, रोजगार और नगरों की समृद्धि के वाहक बन चुके हैं। सड़कें बेहतर हैं और लगातार काम चल रहा है, कई जगह फ्लाई ओवर बन रहे हैं और सड़कें चौड़ी हो रही हैं। बिजली एक ही बार गुल होते दिखी, वह भी सोमनाथ में कुछ मिनटों के लिए। यह प्रदेश घोषित तौर पर शराबबंदी वाला राज्य है और ऐसे में शराब पीकर सड़क पर पड़ा कोई व्यक्ति नजर नहीं आया। पर्यटन उद्योग व्यवस्थित तरीके से फल-फूल रहा है और लाखों लोगों को रोजगार भी दे रहा है।
यह भले ही ऊपरी नजर से देखा गया सच हो, लेकिन तस्वीर सुंदर ही नजर आ रही है। ऐसा नहीं है कि गरीब देखने को नहीं मिले, लेकिन भीख मांगने वालों की संख्या बहुत सीमित ही दिखी। पर्यटक स्थलों पर भी धोखेबाजी का शिकार नहीं होना पड़ा। हालांकि बहुत कुछ व्यवस्थित है, तो बहुत कुछ व्यवस्थित होने की गुंजाइश भी है। लेकिन सोमनाथ मंदिर में कोशिश करने पर भी मैं अलग से कोई दक्षिणा भी आचार्य पुजारी को नहीं दे सका, यह आदर्श स्थिति मेरे मन को छू गई। यह स्थिति भी मन को छू गई कि बेट द्वारिका और ओखा में मुस्लिम आबादी बहुतायत में है, लेकिन यहां अशांति की बू कहीं से नहीं आती। बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन फिलहाल तो बस यही कि मध्यप्रदेश में विकास का इतिहास बन रहा है। शिवराज के काम की तारीफ शाह कर रहे हैं। पर विकास में मोदी-शाह का गुजरात भी मिसाल पेश करता दिखाई देता है।