भोपाल: प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनाने में लापरवाही की गाज अब जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर गिरेगी। पंचायत और ग्रामीण विकास के निशाने पर ऐसे पचास जनपदों के सीईओ हैं जिन्हें सरकार ने सात दिन के भीतर 45 दिन से अधिक समय से लंबित आवास किस्तों का भुगतान करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं प्रमुख सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव ने जनपदों और जिला पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया है कि आने वाले दिनों में चार हजार से पांच हजार आवास रोज कम्प्लीट होना चाहिए। इसके लिए जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रणनीति बनाकर उस पर अमल कराएंगे।
प्रमुख सचिव ने पिछले दिनों आवास निर्माण की समीक्षा में जिलावार जानकारी लेने के बाद फील्ड के अफसरों को हिदायत भी दी है कि किसी तरह की गड़बड़ी पर एक्शन के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे। समीक्ष में यह बात सामने आई है कि सबसे अधिक अपूर्ण आवासों का काम कराने वाले पांच जिले बड़वानी, रायसेन, खरगोन, छिंदवाड़ा और राजगढ़ का प्रोग्रेस पिछले सप्ताह काफी कमजोर रहा है।
सीईओ को कहा गया है कि वर्ष 2021-22 में मंजूर आवासों को जल्द पूरा कराया जाए और किस्तों के भुगतान का काम सौ फीसदी हो। अधिकारियों से कहा गया है कि परियोजना अधिकारी, ब्लाक समन्वयक रोज फील्ड विजिट कर रिपोर्ट लेंगे और इसकी जियो टैगिंग भी करेंगे। इसके आधार पर तीसरी किस्त भी जारी की जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता वाले कामों में ग्रामीण क्षेत्रों के पीएम आवास शामिल हैं। इसी मामले में लापरवाही के चलते पिछले दिनों प्रमुख सचिव ने तीन जनपदों की मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया था।
इन जिलों में तीसर किस्त के बाद भी आवास अपूर्ण
विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि तृतीय किस्त के बाद भी सबसे अपूर्ण आवास वाले दस जिलों में बालाघाट, रीवा, सिंगरौली, सतना, सागर, अलीराजपुर, मंडला, झाबुआ, सीधी और सिवनी हैं। यहां राज्य स्तर से नोडल अधिकारियों की टीम भेजकर सरकार इसकी जांच कराएगी। नोडल अधिकारी संबंधित जिलों के सीईओ जिला पंचायत से रोज आवास की लंबित किस्त और आवास प्लस की रिपोर्ट लेकर शासन को देंगे। इसके अलावा सतना जिले के अमरपाटन और मझगवां और सागर जिले के जैसीनगर ब्लाक के ब्लाक समन्वयकों की संविदा समाप्ति को लेकर शोकाज नोटिस भी जारी किए गए हैं।