Ajay Singh ने BJP में जाने की संभावनाओं को नकारा, ‘विचारों के विपरीत आलोचना का भागीदार नहीं बनूँगा’

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Bhopal:  Madhya Pradesh में चार दिन से चल रहे राजनीतिक कयास आज ध्वस्त हो गए। Congress के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) ने BJP में जाने की किसी भी संभावना को नकार दिया। उन्होंने ऐसी अटकलों को किनारे करते हुए कहा कि मुझे सबको साथ लेकर चलने और सदभाव की सीख अपने पिता स्व अर्जुन सिंह से विरासत में मिली है। वे अपने आपको कांग्रेस का सिपाही कहते थे। उनके विचारों के विपरीत जाकर मैं आलोचना का भागीदार नहीं बनना चाहता! मैं उन्हीं की परम्परा का निर्वहन कर रहा हूं।
Ajay Singh ने कहा कि मैं आत्मा से कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी रहूंगा! जो लोग ऐसा सोच रहे हैं कि मैं BJP में जा सकता हूं, उन सभी से मेरा विनम्र आग्रह है कि वे इस कल्पनाशील विचार को त्याग दें। मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस पार्टी के साथ है। अजय सिंह ने कहा कि मेरे पिता ने हमेशा प्रतिपक्ष का सम्मान किया है। वे प्रतिपक्ष के सुझावों को ध्यान से सुनते थे और आलोचनाओं से कभी विचलित नहीं हुए। लोकतंत्र की स्वस्थ परम्पराओं का उन्होंने हमेशा पालन किया! भले ही विचारधाराएं अलग हों, लेकिन उन्होंने प्रदेश के विकास में इसे कभी आड़े आने नहीं दिया। यही कारण है कि प्रदेश में BJP सरकार के समय केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने MP को जो दिया, वह हमेशा याद किया जाएगा। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में उनसे बहुत सीखा है।

अटकलें इसलिए लगी
23 सितंबर को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता अजय सिंह के घर पहुंचकर हलचल और बढ़ा दी। मौका भले ही अजय सिंह के जन्मदिन का था, लेकिन ये औपचारिक मेल मुलाकात से ज्यादा सियासी लगा। कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के जन्मदिन पर उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था। मेहमानों के बीच जिसने सबका ध्यान खींच लिया, वो खास मेहमान रहे प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा। उन्होंने अजय सिंह के घर पहुंचकर जन्मदिन की बधाई दी। चर्चा और अटकलों को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि 2 दिन पहले ही अजय सिंह ने नरोत्तम मिश्रा के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। दोनों के बीच अकेले में करीब 40 मिनट तक गुफ्तगू हुई थी। लेकिन, मीडिया के सामने दोनों ने कोई बयान नहीं दिया। इसलिए अजय सिंह के बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गईं।

सौजन्यता मतलब पार्टी छोड़ना नहीं
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब मैं मंत्री था तब BJP के कई विधायक क्षेत्र के काम से मुझसे मिलने आते थे। मैं सहर्ष उनकी समस्याओं को हल करता था। उनमें कई अभी वर्तमान में मंत्री हैं। इसी तरह मैं भी अपने क्षेत्र की समस्याओं और जनता के काम लेकर भाजपा सरकार के मंत्रियों से मिलता रहता हूं। कई बार एक-दूसरे से  सौजन्य भेंट होती रहती है। प्रतिपक्ष दुश्मन तो नहीं होता, लोकतंत्र में वैमनस्य का कोई स्थान नहीं! इस सौजन्यता का यह अर्थ कतई नहीं लगाना चाहिए कि मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं, यह सिर्फ एक परिकल्पना मात्र है।