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Indore : पांच करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने एडवायजरी फर्म को संचालित करने वाले सरगना पूजा थापा, पवन तिवारी, प्रकाश भट्ट और विशाल जायसवाल अब पुलिस के कब्जे में हैं। पूजा थापा से रिमांड के दौरान पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए। धोखाधड़ी के पैसे से फार्म हाउस, ज्वेलरी, प्लॉट खरीदने वाली पूजा के बैंक लॉकर से भी लाखों के गहने मिले। पुलिस को कई और फर्जी एडवाइजरी कंपनी का सुराग मिलने की उम्मीद है। वह पुलिस से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से भी मिल चुकी है।
इस गैंग की मुख्य सरगना पूजा थापा, उर्फ आशी, उर्फ शैफाली पिता तिल बहादुर थापा, विकास नगर देवास हाल मुकाम 310-शेखर प्लेनेट्स ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर किया था। उसे पुलिस ने 30 अप्रैल तक रिमांड पर लिया है। पुलिस पूछताछ में पूजा ने बताया कि उसने 13,000 स्केयर फीट का फार्म हाउस पाताल पानी महू में, ओमेक्सी सिटी देवास बायपास पर 1000 स्केयर फीट का प्लॉट, नकदी 7 लाख 15 हजार रुपए, एक महेन्द्रा कंपनी की एक्सयूवी 5000 कंपनी गाडी एडवाईजरी कंपनी के पैसों से खरीदी थी।
पूजा थापा ने एयु बैंक में लॉकर ले रखा, जिसे पुलिस ने चैक किया तो सोने के हार, मंगलसूत्र, कंगन, कान के टाप्स एवं अन्य सोने की ज्वैलरी लॉकर मे छुपा रखी थी, जिसे पुलिस ने जब्त किया। पूजा के विरुध्द फर्जी एडवाईजरी का प्रकरण पंजीबध्द होने की सूचना फर्जी एडवाईजरी कंपनी के मुख्य आरोपी पवन द्वारा पूजा को दी गई थी। उस समय पूजा थापा गोवा मे मौज मस्ती कर रही थी। वो सीधे इन्दौर न आकर बैगलुरु, पुणे और भोपाल के आसपास पुलिस से बचने के लिए घूमती रही। उसने की गिरफ़्तारी से बचने के लिए दिल्ली मे स्थित सुप्रीम कोर्ट में वकीलों से भी संपर्क किया था।
पूजा मौज ने मस्ती के लिए अपनी फर्जी एडवाईजरी कंपनी के आरोपी पवन तिवारी, विशाल जायसवाल और प्रकाश भट्ट के साथ मिलकर पाताल पानी (महू) में एक 13,000 स्केयर फीट का फार्म हाउस बना कर रखा है। जहां पर फर्जी एडवाईजरी कंपनी के सदस्य मौज मस्ती के लिए आते थे। इनके जो बैंक खाते सीज किए गए, उनमे लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन होना पाया गया। संबंधित बैंको को उक्त खातों के संबंध में पत्राचार कर उन्हें डेबिट स्विच पुलिस राऊ द्वारा करवाया गया एवं उनके केवाईसी प्राप्त की गई है।
प्रकरण की विवेचना के दौरान अब तक उक्त आरोपियों के कब्जे से नगदी 35,13,800 रुपये नकद, 25 एनड्राईड मोबाईल 10 लेपटाप, 4 गाडिया, प्लॉट, फ्लैट, लगभग 10 लाख रुपए की ज्वेलरी, विदेशी घडियां, 50 से ज्यादा क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड जब्त किए गए हैं। इनके खातो से लगभग 5 करोड का ट्रांजेक्शन होना पाया गया। उक्त आरोपी अपनी लाईफ स्टाईल लग्जरी तरीके से जीते थे। लगभग 1 करोड़ 25 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है एवं 24 खाते को फ्रीज करवाया गया। विवेचना के दौरान अब तक आए डेटा के आधार पर लगभग 50 पीडितों से संपर्क किया गया और उन्हें संबंधित पुलिस थानों में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा है। ये पीड़ित कर्नाटक, बंगलुरु, गोवा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हैं।
18 कंपनियों को निवेशकों के डेटा बेचे
फर्जी एडवाईजरी कंपनी को डेटा उपलब्ध कराने वाला अमित बर्फा को भी पुलिस गिरफ्तार किया गया है। यह आरोपी गुगल एड के माध्यम से डेटा उपलब्ध करवाता था। उसने बताया गया कि गूगल एड पर जाकर फर्जी एडवायजरी कंपनी का एड फेसबुक, यूट्यूब शेयर मार्केट की साईड, आदि पर चलाता था। भोले भाले लोग एड को देखकर उस पर क्लीक कर देते थे। जो सामने वाले व्यक्ति का डेटा जैसे नाम, मोबाईल नंबर आदि जानकारी भरने का आप्शन आता था जिसे भरने पर सारी जानकारी अमित बर्फा के पास आ जाती थी। जिसे वह फर्जी एडवाईजरी कंपनी को उपलब्ध करवाता था।
अमित बर्फा के मोबाईल एवं लेपटाप का डेटा चैक करने पर उसके द्वारा 18 अलग अलग एडवाईजरी कंपनी को डेटा उपलब्ध करवाने की जानकारी मिली है। उक्त डाटा उपलब्ध करवाने के लिए अमित बर्फा को 15 प्रतिशत का कमीशन मिलता था। अमित बर्फा द्वारा उक्त डेटा सेबी रिजिस्टर्ड कंपनी को ही उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन, कमीशन के लालच में उसने पूजा थापा, पवन तिवारी की फर्जी एडवायजरी कंपनी को डेटा दिया और अपराध कराने में सहयोग दिया गया है। अमित बर्फा से 4 लाख 11 हजार रुपये नगद व सोने चांदी की ज्वेलरी जप्त की गई है । पुलिस राऊ द्वारा और भी फर्जी एडवाईजरी कंपनियों का खुलासा आगामी दिनों में करने वाली है।