MP Formula in Bihar : बिहार में भी देसी गायों का संरक्षण MP की तरह होगा

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गोशालाओं और गोपालकों को सरकार की तरफ से मदद मिलेगी

Patna : गायों को संरक्षण देने के मामले में बिहार सरकार मध्य प्रदेश मॉडल का अध्ययन कर रही है। सरकार गहन अध्ययन और सभी तथ्यों पर विचार के बाद गायों के संरक्षण का कोई आदर्श मॉडल अपनाएगी। सरकार अध्ययन और तथ्यों पर विचार के बाद गायों के संरक्षण का कोई आदर्श मॉडल (Ideal Model) अपनाया जाएगा। प्रदेश सरकार गायों के सरंक्षण के लिए गोशालाओं के साथ-साथ निजी गोपालकों को भी प्रोत्साहित कर रही है। डिप्टी सीएम व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने राज्य की सभी गोशालाओं के अध्यक्षों और सचिवों की बैठक बुलाई और विचार किया।

बिहार में फ़िलहाल 33 जिलों में 86 सरकारी गोशालाएं हैं। इन सबकी जानकारी मांगी गई है। इसके अंतर्गत गोशालाओं की भूमि, उसकी स्थिति एवं पशुओं की संख्या आदि की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश के कैमूर, अरवल, शिवहर, बांका और पूर्णिया जिले में अभी कोई सरकारी गोशाला नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार जिस तरह प्राकृतिक खेती करने वाले देसी गाय के पालकों को हर माह 900 रुपए देती है। बिहार सरकार भी गोशालाओं और गोपालकों के लिए इस तरह की प्रोत्साहन राशि की घोषणा कर सकती है।

असम में नया प्रयोग
असम में बीमार एवं घायल गायों के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है। गोपाल गोशाला द्वारा चलाई जाने वाली इस एंबुलेंस सेवा का उद्घाटन डिब्रूगढ़ में किया गया। दावा किया जा रहा है कि यह पूर्वोत्तर में पहली गाय एंबुलेंस सेवा है। गायों के लिए एंबुलेंस अहमदाबाद से लाई गई है। इसमें हाइड्रोलिक लिफ्ट भी लगाई गई। गायों की देखभाल के लिए गोशाला द्वारा एक अस्पताल भी खोला गया है। गोशाला के अध्यक्ष ने बताया कि बीमार गायों को अस्पताल तक लाने के लिए काफी कठिनाई होती थी, इसलिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गई।