भटके हुए हंसराज को घर वालों से मिलवाया गोविंद काकानी ने

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

Ratlam: पीड़ितों और असहायों की सेवा कर उन्हें हर आवश्यक सहयोग करना,बिछड़ों को मिलाना,अस्वस्थ लोगों का उपचार कराना,अनाथ लोगों के मरने पर उनका अंतिम संस्कार करवाना जिनके खुन में शुमार है।ऐसी सख्सियत है गोविन्द काकानी जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है,वह अपने आप में एक मिसाल है,सुबह-शाम, गर्मी-सर्दी या बारीश हो बस पता चलना चाहिए कि यहां पर इस व्यक्ति को यह तकलीफ हैं।बस पंहुच जाते हैं सेवा करने।

ऐसे ही एक असहाय और अपने घर परिवार से भटके हुए व्यक्ति को मिलवाने में गोविन्द काकानी ने अपना दायित्व पूरा किया।

बात 11 अप्रैल कि है जब शहर के एक समाजसेवी का मोबाइल काकानी के पास आया जिसमें उन्होंने बताया कि एक वृद्ध जिनकी उम्र अधिक है।वह जावरा रोड पर बेसुध अवस्था में पड़े हैं। इतना सुनते ही समाजसेवी गोविंद काकानी ने वृद्ध को तत्काल जिला चिकित्सालय बुलवाया और डॉक्टर रक्षित अग्रवाल से चेकअप करवा कर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया।वृद्ध परेशान होकर बार बार रो रहे थे।तब काकानी ने वृद्ध को चाय नाश्ता कराया।और ढांढस बंधाते हुए समझाया तब जाकर उनका रोना बंद हुआ।

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और जिला चिकित्सालय में निरंतर उनका उपचार करने पर उनकी मानसिक स्थिति ठीक होने लगी।वह इशारों में समझने लगे बाद में पता चला कि वह बोल नहीं पाते हैं।उनके नहीं बोलने के कारण उनके घर संबंधित समस्या का हल करने में कठिनाइयां आ रही थी।तब उन्हें एक कागज और पेन देकर घर का पता ठिकाना लिखने का कहा तब वृद्ध ने कागज पर एक नक्शा बना दिया।नक्शे में वृद्ध ने रेल की पटरीयां,स्वयं का मकान और दोनों के बीच 8 किलोमीटर का अंतर इंजीनियरिंग ड्राइंग के रूप में बनाया।

इसी संकेत से चिकित्सालय के वार्ड की नर्स प्रियंका पाटीदार ने इंटरनेट के माध्यम से गुजरात के सूरत में रहने वाले परिचित मित्र अनिकेत डोबरिया जो कि वृद्ध के परिवार को जानते थे।उनसे संपर्क कर उन्हें वृद्ध के रतलाम जिला चिकित्सालय में भर्ती होने की जानकारी दी।तब वृद्ध का छोटा लड़का भरत सियानी,बड़े भाई का लड़का कौशल सियानी कार से रतलाम पहुंचे। जहां इंचार्ज सिस्टर ने समाजसेवी रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी को बुलवाकर वृद्ध को परिवार के सदस्यों से मिलवाया।

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तब भरत भाई सियानी ने बताया कि रामनवमी के दिन हंसराज पिता पोपट भाई सियानी उम्र 75 साल अहमदाबाद से कहीं चले गए।बहुत खोजबीन करने के बाद नहीं मिलने पर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में की गई थी।आज समाचार मिलते ही हम लोग पोते को साथ लेकर तत्काल रतलाम पहुंचे हैं।आइसोलेशन वार्ड में जब हंसराज जी से परिजनों को मिलवाया तो वह गोविंद काकानी से लिपट गए और घर जाने को तैयार नहीं हुए बड़ी मुश्किल से पोते को आगे कर उनसे वादा करवाया कि वे काकानी से मिलवाने रतलाम वापस लाएंगे।तब जाकर हंसराज जी घर वालों के साथ जाने को तैयार हुए।

आपको बता दें कि गोविंद काकानी ने जब भरत भाई से पूछा की अपना नाम पता तक नहीं जानने वाला व्यक्ति इतना अच्छा नक्शा कैसे बना सकता है? तब उन्होंने बताया हंसराज जी ने डिप्लोमा किया हुआ है और वे कपड़ा मिल में वर्षों तक कार्य करते थे।इसी कारण यह संभव हुआ।पीड़ित वृद्ध हंसराज के परिजनों ने अपने परिवार से बिछड़े को मिलवाने पर सहयोग करने को लेकर काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव एवं रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी,जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन, अस्पताल प्रशासन,डॉक्टर,नर्स पुष्पा गुर्जर,अर्चना परमार,पुष्पा डोडियार,निशा जोटे,सोनी बनावा,आरती कुशवाहा,वर्षा पटेल,लक्ष्मी डोडियार,प्रियंका पाटीदार,कमीला बाबेरिया,कांता माल,वार्ड बॉय गजेंद्र,जितेंद्र और समाजसेवियों के सराहनीय सहयोग के लिए ह्रदय से धन्यवाद प्रकट किया।