Cyber crime: वाराणसी के कलेक्टर व कमिश्नर के नाम पर उगाही, जांच के आदेश

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सुदेश गौड़ की विशेष रिपोर्ट

Varanasi: इंटरनेट की दुनिया ने जहां एक ओर घंटों के काम को सेकंडों में कर के सभी को अनंत सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं, वहीं शातिर दिमाग लोगों वे इसी माध्यम को गलत ढंग से प्रयोग करके सायबर पुलिस की नींद उड़ा रखी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के प्रशासनिक अफसरों की नाक में आजकल साइबर ठगों ने दम कर रखा है।

गत दिनों वाराणसी के मंडलायुक्त और कलेक्टर के नाम से अनेक अफसरों को व्हाट्सएप्प मैसेज मिला जिसमें गिफ्ट व नगदी पहुँचाने को कहा गया था।

प्रशासनिक हलके में यह मामला आग की तरह फैल गया।मामला जब बड़े अफसरों से जुड़ा हुआ हो तो पूरा महकमा कमर कस कर मैदान में कूद पड़ता ही है पर अब तक कुछ ठोस हाथ नहीं लगा है।

वाराणसी के ज़िला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने आज खुद ही अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि सभी को सूचित किया जाता है कि किसी असामाजिक व्यक्ति ने मंडल आयुक्त वाराणसी श्री दीपक अग्रवाल के नाम से एक प्राइवेट मोबाइल नंबर 9797370756 पर उनकी फोटो लगा कर फ़र्ज़ी प्रोफाइल बनाया है।

उनके सरकारी फ़ोन की कांटेक्ट लिस्ट के अधिकारियों और व्यक्तियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप्प मैसेज करके गिफ्ट और धनराशि मांगने के मैसेज भेज रहा है।

इसी प्रकार जिलाधिकारी वाराणसी श्री कौशल राज शर्मा के नाम से एक दूसरे प्राइवेट मोबाइल नंबर 7286907727 पर उनकी फोटो लगा कर फ़र्ज़ी प्रोफाइल बनाया है।

उनके सरकारी फ़ोन की कांटेक्ट लिस्ट के अधिकारियों और व्यक्तियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप्प मैसेज करके गिफ्ट और धनराशि मांगने के मैसेज भेजे जा रहे हैं।

वे लिखते हैं कि ये दोनों मोबाइल नंबर फ़र्ज़ी हैं। इनकी लोकेशन जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान बॉर्डर पर बताई जा रही है। सब से अनुरोध है कि इस नंबर से आई किसी डिमांड को ना मानें।

इसकी शिकायत साइबर सेल को कर दी गई है। यह कोई देश विरोधी व्यक्ति हो सकता है, इसको ट्रेस करने में मदद करें।

वाराणसी ज़िला कलेक्टर के ट्वीट के वायरल होते ही ट्विटर यूजर आनंद कुमार मोडनवाल लिखते हैं कि जब कमिश्नर साहब साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं तो आम पब्लिक का क्या होगा।

जांच कराकर दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज उचित दंडात्मक कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि दोबारा ऐसा अपराध करने में अपराधी डरें और भविष्य में ऐसा अपराध न करें ऐसा सजा दीजिए।

एक अन्य ट्विटर यूजर शिकायती लहजे में नेक सलाह देते हुए लिखते हैं कि इसीलिए मैंने पहले भी कितनी बार अवगत कराया है कि आप अपना हैंडल वैरिफाई करवा लीजिए।

बाकी सभी जिलाध्यक्षों एवं अधिकारियों के ट्वीटर हैंडल वैरीफाईड हैं सिवाय बनारस।

ये अच्छी बात नहीं है जब आप अपना सरकारी हैंडल वैरिफाई तक नहीं करवा सकते तो बाकी जनता क्या उम्मीद करे?

देखिए, DM Varanasi का ट्वीट-