अमेरिका वैदेशिक मामलों में Pakistan (पाकिस्तान) को कितनी तवज्जो देता है, इसका सबूत सामने आ गया। पाकिस्तान के PM (प्रधानमंत्री) इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के एक फोन को तरस रहे हैं। इमरान के PM Office से अमेरिकी व्हाइट हाउस को फोन किया गया तो वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। White House से कहा गया कि वह नहीं बता सकता सकते कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन करेंगे। हालांकि, दोनों देशों के बीच उच्चस्तर पर बातचीत होती रहती है।
अमेरिकी मीडिया को हाल ही में दिए एक Interview में Pak के प्रधानमंत्री ने शिकायत की थी, कि व्यस्त राष्ट्रपति जो बाइडन को इमरान से बात करने की परवाह नहीं है। जबकि, अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में वाशिंगटन, इस्लामाबाद का समर्थन भी चाहता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की निराशा और व्हाइट हाउस की सफाई दोनों देशों के बीच के रिश्ते में पैदा होती खटास की झलक मिलती है।
इमरान के Office से पूछा गया था कि क्या बाइडन जल्दी ही इमरान को फोन कर सकते हैं? इसके जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन प्साकी ने कहा ‘इस समय मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकती हूं। यदि वे कोई फोन करते हैं, तो हम आपको बताएंगे।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अमेरिका हर उच्चस्तर पर संपर्क में है। अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्रालय और यहां तक बाइडन प्रशासन के अहम विभाग संपर्क में हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हर विदेशी नेता से बात नहीं की है, यह सच है। लेकिन, उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात की है।
PAK पीएम इमरान खान ने कहा कि अगर तालिबान को अमेरिका ने मान्यता नहीं दी, तो हालात और बिगड़ेंगे। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मीडिया ने रेखांकित किया कि राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात की। इमरान खान ने अपने और राष्ट्रपति बाइडन के बीच सीधा संवाद नहीं होने पर खेद जताया।