भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस इन दिनों केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ((CRPF)) के 600 करोड़ रुपए की बकाया राशि से परेशान है। प्रदेश पुलिस का इतना बजट ही नहीं हैं कि वह इतना भुगतान एक मुश्त कर सके। अब प्रदेश पुलिस को इस राशि को चुकाने में पसीना आ रहा है। इस मामले में पूर्व में भी पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार तक को पत्र लिखा था, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका।
सूत्रों की मानी जाए तो सीआरपीएफ (CRPF) की इतनी मोटी बकाया राशि दरअसल नक्सल इलाकों में तैनात कंपनियों का है। पहले प्रदेश में 7 कंपनियां वर्षो से तैनात थी। बाद में यह कम होकर दो हो गई। जब सात कंपनियां प्रदेश में तैनात थी, उस वक्त करीब सवा सौ करोड़ रुपए बकाया था, लेकिन इसका ब्याज इतना हो गया कि मूल धन से ज्यादा ब्याज की राशि हो गई। करीब चार साल पहले तक चार सौ करोड़ रुपए की राशि बकाया थी।
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अब यह राशि बढ़कर 600 करोड़ रुपए के लगभग पहुंच गई है। हालांकि इस दौरान सात कंपनियों की संख्या कम होकर दो कर दी गई है। इस राशि को कम करवाने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सीएम से लेकर केंद्र सरकार तक से संपर्क किया था, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका। प्रदेश में नक्सल प्रभावित तीन जिले हैं। इनमें बालाघाट, मंडला और डिंडौरी शामिल हैं। जबकि सीआरपीएफ की कंपनियों बालाघाट और मंडला में तैनात हैं।
*अब तक नहीं किया भुगतान*
प्रदेश में एक दशक से ज्यादा से सीआरपीएफ (CRPF) की कंपनियां तैनात है। इन कंपनियों की तैनाती के साथ ही भुगतान प्रदेश पुलिस को करना था, लेकिन अब तक प्रदेश पुलिस ने कोई भी भुगतान सीआरपीएफ को नहीं किया है। जिसे लेकर लगातार दोनों में पत्राचार चल रहा है।