When An IAS Officer Boycotts Incharge Minister’s Meeting: जब IAS अफसर CEO ने प्रभारी मंत्री की बैठक का बहिष्कार किया

 प्रदेश के इतिहास की पहली घटना

3262
IAS Officer

When An IAS Officer Boycotts Incharge Minister’s Meeting: जब IAS अफसर CEO ने प्रभारी मंत्री की बैठक का बहिष्कार किया

Bhopal: बीते सोमवार ‘मीडियावाला’ के कॉलम ‘वल्लभ भवन कॉरिडोर से सेंट्रल विस्टा’ में हमने जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत CEO के बढ़ते विवाद का उल्लेख करते हुए एक स्टोरी लिखी थी। इसमें प्रदेश के एक आदिवासी जिले में महिला कलेक्टर और वहां के जिला पंचायत के CEO के बीच पनपते विवाद का सांकेतिक हवाला दिया था। न तो उसमे जिले का उल्लेख था न कलेक्टर और CEO का। जानकारी थी, पर खुलासा नहीं किया था! लेकिन, गुरुवार को इसका खुलासा प्रभारी मंत्री द्वारा आहूत बैठक में अपने आप हो गया जब मंत्री ने CEO से खनिज विभाग में लंबित फाइलों को लेकर सवाल जवाब किए। मामला इतना बढ़ गया की प्रभारी मंत्री के सवालों से नाराज होकर CEO ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहला मामला है जब प्रभारी मंत्री से नाराज होकर एक IAS अफसरCEO ने प्रभारी मंत्री द्वारा आहूत विकास कार्य से जुड़ी एक बड़ी बैठक का बहिष्कार किया हो।

Read More..The Power Minister’s Lights Went Off On The Stage : सिंधिया के कार्यक्रम में सो गए ऊर्जा मंत्री

यह मामला है अनूपपुर जिले का है, जहां कल प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने जिले के प्रमुख अधिकारियों के बैठक ली थी। बैठक में जिले से जुड़े मंत्री बिसाहूलाल सिंह के अलावा कलेक्टर सोनिया मीणा और सारे प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। बैठक में प्रदेश के पहली बार ऐसा हुआ जब प्रभारी मंत्री की बैठक में आरोप का जवाब देते हुए एक IAS अधिकारी ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। सामान्यतः ऐसा कभी भी होता नहीं है, पर हुआ!

IAS Officer

*बैठक का बहिष्कार क्यों किया*

अनूपपुर की प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने गुरुवार को जिले के विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर विभाग प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। बैठक में जब खनिज विभाग के मामले की चर्चा चल रही थी, तो मंत्री ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली, जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के सीधी भर्ती के 2015 बैच के अधिकारी हैं, को आड़े हाथों लेते हुए पूंछा कि खनिज मद से होने वाले विकास कार्यों के लंबित रहने और फाइलों की पेंडेंसी क्यों है!

IAS Officer

इस पर CEO पंचोली ने मंत्री पर यह कहकर सनसनी फैला दी कि बिना किसी शिकायत के आरोप लगाना उचित नहीं है। उन्होंने मंत्री को आरोप साबित करने की चुनौती दे डाली और कड़ी आपत्ति दर्ज करवाते हुए बैठक से बहिष्कार कर दिया। जानकारी मिली है कि खनिज मद में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों के समय पर पूरा न होने और फाइलों को लंबित रखने जैसे मुद्दों को लेकर प्रभारी मंत्री ने जिला पंचायत के CEO पंचोली से कई सवाल पूछते हुए सरपंचों के हवाले से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

Read More...He Was SDM Not The Collector : जिसे बुरहानपुर कलेक्टर समझकर फटकारा, वो एसडीएम निकला

जानकार सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो कलेक्टर सोनिया मीणा, जिला पंचायत के CEO से इन्हीं मामलों को लेकर नाराज थी। माना जा रहा है कि इसीलिए मंत्री और CEO के विवाद में कलेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही बीच बचाव किया। कलेक्टर सोनिया मीना 2013 बैच की सीधी भर्ती की IAS अधिकारी है।

जानकारी के अनुसार बैठक में सार्वजनिक रूप से लगे आरोपों से CEO पंचोली इतना ज्यादा नाराज हो गए कि उन्होंने मंत्री को कह दिया कि आधारहीन आरोपों को सार्वजनिक रूप से लगाना उचित नहीं है। इस पर मंत्री और भी ज्यादा नाराज हो गई और उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही।

इस विवाद के बाद स्थिति यह रही कि अधिकांश अधिकारी बैठक से उठकर चले गए। बाद में बताया गया कि कलेक्टर के कक्ष में मंत्री मीना सिंह और बिसाहूलाल सिंह ने आपसी बातचीत की। इस बैठक में भाजपा के किसी भी नेता को नहीं आने दिया गया। बैठक में कलेक्टर और एसपी तो थे, लेकिन CEO नदारद थे।