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इंदौर ।केंद्र सरकार ने सस्ते खाद्य तेल के आयात की नई योजना जारी की है। इससे देश में खाने के तेल की क़ीमतों में कमी की उम्मीद जगी है। खाद्य तेलों की बढ़ती क़ीमतों से परेशान सरकार ने अब खाने के तेल की क़ीमतों में कमी का प्रयास करना शुरू कर दिया है। वैसे यह भी उल्लेखनीय है कि विदेशी बाज़ारों में सनफ्लावर आईल की क़ीमतों में उछाल रूस-यूक्रेन युद्ध की देन है। सोया तेल और पाम तेल के दाम भी ऊँचे चल रहे है। वैसे भारत में ग्रीष्म सीजन में तेल की खपत कुछ कम रहती है पर वैवाहिक ग्राहकी का सीजन होने से माँग पर दबाव बना है।
केंद्र सरकार ने सीमा शुल्क और एआईडीसी की शून्य दर पर 2 साल के लिए प्रति वर्ष कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के प्रत्येक 20 लाख मीट्रिक टन के आयात की अनुमति दी हैl
खाने का तेल सस्ता करने के लिए सरकार का बड़ा कदम
क्रूड सोयाबीन और क्रूड सनफ्लॉवर तेल इंपोर्ट में राहत
20 लाख MT ड्यूटी फ्री क्रूड सोयाबीन तेल इंपोर्ट का भी फैसला लिया गया है।
सरकार वर्ष 2023-24 के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में राहत का नियम लागू करेगी । इससे भी तेल के दाम घरेलु बाज़ार में कम हो सकते हैं पर किसानों को तिलहन फसल के उचित दाम नहीं मिले तो वो तिलहन फसल से मुँह मोड़ सकते है।
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बसंत पाल
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और कारपोरेट, कमोडिटी मार्केट के जानकार हैं। इन विषयों पर तीन दशकों से निरंतर लेखन कर रहे हैं। आर्थिक मामलों के समीक्षक होने के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी सम्बद्ध रहे।
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