जिस विकासखंड के मूल निवासी वहीं मतदान केन्द्र में पीठासीन अधिकारी नहीं बनेंगे

860
नगरीय-पंचायत चुनावों में एक बार फिर पंद्रह साल बनाम पंद्रह माह ...

भोपाल: प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में अधिकारियों और कर्मचारियों को उसी विकासखंड में पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के रुप में नियुक्त नहीं किया जाएगा जिस विकासखंड के वे मूल निवासी हो। वहीं न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बार चुनाव ड़यूटी से मुक्त रखा गया है। स्वास्थ्य, परिवहन, दुग्ध-प्रदाय, वाणिज्यिक कर, आबकारी पंजीयन एवं मुद्रांक तथा जल-प्रदाय और  विद्युत प्रदाय में संलग्न फील्ड स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह ऐसे कर्मचारी जिनके रिटायरमेंट में 6 माह या उससे कम समयावधि शेष हो, उन्हें भी मतदान दल में शामिल नहीं किया जाएगा।


Read More… चुनाव ड्यूटी से बचने अगर मेडिकल लगाया तो कर दिया जाएगा सेवानिवृत्त! 


राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है। इसमें पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी के रुप में अधिकारियों की तैनाती के लिए यह कहा गया है कि किसी विकासखंड में पदस्थ किसी अधिकारी/कर्मचारी को उसी विकासखंड के किसी मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के तौर पर नियुक्त न किया जाये। इसी तरह बिजली, पानी, दूध प्रदाय से जुड़े अमले, स्वास्थ्य सेवाओं, आबकारी, पंजीयन एवं मुदां्रक , वाणिज्य कर विभाग के मैदानी स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदान दलों में शामिल नहीं किया जाएगा। इन विभागों के उन कर्मचारियों की निर्वाचन में ड्यूटी लगायी जा सकती है, जो कार्यालय में कार्य करते हैं।

रिटायरमेंट को छह माह तो मतदान दल में न करे शामिल-
ऐसे कर्मचारी जिनके रिटायरमेंट में 6 माह या उससे कम समयावधि शेष हो, उन्हें मतदान दल में शामिल नहीं किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन सम्बंधी अन्य कार्य कराये जा सकते हैं। दिव्यांग/नि:शक्त कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल न किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन संबंधी अन्य कार्य कराया जा सकता है।

पुरुषों की कमी तो मतदान दल में दो महिला कर्मचारी-
चुनावों में यदि पुरुष कर्मचारियों की कमी की वजह से महिला कर्मचारी की नियुक्ति करना आवश्यक हो तो कम से कम 2 महिला कर्मचारियों को मतदान दल में रखा जाए। महिला मतदान अधिकारी की ड्यूटी उसी विकासखण्ड में लगायी जाये जिसमें वह कार्यरत है। ऐसी महिला मतदान अधिकारी का मतदान की पूर्व संध्या से ही मतदान केन्द्र में उपस्थित रहने की अनिवार्यता से छूट देते हुये मतदान प्रारंभ होने के 1 घंटा पूर्व मतदान केन्द्र पर उपस्थित होने की अनुमति दी जाये।