भोपाल और इंदौर में बीजेपी का फंसा पेंच: दिल्ली से हरी झंडी का इंतजार
इंदौर और भोपाल से महापौर पद के उम्मीदवार घोषित करके कांग्रेस ने इस मामले में बाजी मार ली! कांग्रेस उम्मीदवार ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया। लेकिन, इससे बीजेपी को भी यह फ़ायदा मिला कि उसे पता चल गया कि कैसा उम्मीदवार खड़ा करना है। कांग्रेस ने भोपाल से विभा पटेल और इंदौर से संजय शुक्ला को मैदान में उतारा है। बीजेपी के सामने सबसे बड़ा पेंच उम्मीदवार के चयन को लेकर है।
भोपाल में बीजेपी पूर्व CM बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को खड़ा करना चाहती है, जो MLA है। लेकिन, दिल्ली से पार्टी के निर्देश हैं कि ‘एक आदमी-एक पद’ नियम का पालन किया जाए और किसी MLA को महापौर पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जाए! यही स्थिति इंदौर में है। यहां पहले नंबर पर रमेश मेंदोला का नाम है और वे भी MLA है। दोनों जगह कांग्रेस के उम्मीदवार ताकतवर हैं, इसलिए बीजेपी को भी मुकाबले के लिए वैसा ही चेहरा चाहिए। लेकिन, कृष्णा गौर और रमेश मेंदोला को चुनाव लड़वाने के लिए पार्टी को दिल्ली से इजाजत लेना पड़ेगी। यदि दिल्ली दरबार ने हरी झंडी दिखाई, तभी वे उम्मीदवार घोषित होंगे।
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SDM के लिए IAS राजीव शर्मा की किताब गीता की तरह
सामान्यतः जब कोई अफसर किताब लिखता है तो उसमें कार्य के दौरान के अनुभव और खट्टी-मीठी बातों का समावेश होता है। लेकिन, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव शर्मा (IAS) ने अपनी नई किताब ‘The SDM’ लिखी जो इस पद के अफसरों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में है। अनूठे विषय पर हिंदी में लिखी गई यह पहली किताब है। नए SDM के लिए यह किताब गीता की तरह होगी, जो उसे आगे का रास्ता दिखाने के साथ गलतियां न करने की सलाह भी देगी।
राजीव शर्मा को नवाचार और काम के प्रति समर्पित अधिकारी के रूप में जाना जाता है। फ़िलहाल शहडोल के कमिश्नर की इस किताब की मूल भूमिका SDM की किसी अनुभाग में दशा और दिशा तय करने में कामकाज पर केंद्रित है। 1988 में राज्य प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले राजीव शर्मा यह किताब में निश्चित रूप से उनके अपने अनुभवों का निष्कर्ष भी होगा। उन्होंने इस किताब में यह भी बताया है कि SDM किन विधिक प्रावधानों के तहत अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।
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वे अभी तक तीन कविता संग्रह, एक इतिहास किताब और दो उपन्यास लिख चुके हैं। आदि शंकराचार्य के जीवन पर केंद्रित उनका उपन्यास ‘विद्रोही सन्यासी’ वैली ऑफ वर्ड साहित्यिक सम्मान 2021 से पुरस्कृत हुआ है। भगवान परशुराम के जीवन पर केंद्रित उपन्यास ‘अद्भुत सन्यासी’ के भी कई संस्करण निकल चुके। इन दोनों उपन्यास मराठी में अनुदित होने के बाद अब अंग्रेजी, बांग्ला और गुजराती भाषा में भी उपलब्ध होंगे।
अजब गजब MP: सरपंच पद SC के लिए आरक्षित, लेकिन इस वर्ग का एक भी मतदाता नहीं
मध्य प्रदेश में मुरैना जिले की कैलारस जनपद पंचायत की एक पंचायत ऐसी भी है, जहां प्रशासन की लापरवाही की वजह से चुनाव नहीं होगा। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि ग्राम पंचायत कैलारस ग्रामीण में सरपंच का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, जबकि वहां इस वर्ग का एक भी मतदाता नहीं है। ऐसे में सरपंच पद के लिए कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं हो सका। नतीजतन कैलारस ग्रामीण पंचायत में मतदान नहीं होगा।
पंचायत चुनाव की श्रृंखला में जिले की कैलारस नगर परिषद से सटी ग्राम पंचायत ग्रामीण कैलारस अनुसूचित जनजाति मतदाता न होने के कारण चुनाव से वंचित रह गई। अब कैलारस ग्रामीण पंचायत जनप्रतिनिधिविहीन हो गई है।
केंद्र में 11 वैज्ञानिक सचिव पदों पर है तैनात
केंद्र सरकार में वर्तमान में 11 वैज्ञानिक सचिव अथवा सचिव के समकक्ष पदों पर तैनात है। कृषि अनुसंधान और शिक्षा, आयुष, डीआरडीओ, पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य अनुसंधान, बायो-टेक्नोलॉजी, विज्ञान तथा तकनीकी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान, ऐटामिक एनर्जी और अंतरिक्ष विभाग के सचिव वैज्ञानिक हैं।
अधिकारी सचिव के पद पर पदस्थ है। इनके अलावा दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी भी सचिव हैं।
उप राष्ट्रपति के सचिव आई वी सुब्बाराव आंध्र प्रदेश काडर के 1979 बैच के तथा राष्ट्रपति के सचिव कपिल देव त्रिपाठी असम-मेघालय काडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी है। केंद्र सरकार में मंत्रालयों और विभागों की संख्या 60 है सचिवो की संख्या 95 है।
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सेक्रेटरी के 2 पद IPS के पास
केंद्र सरकार में सचिव के दो पदो पर आई पी एस अधिकारी तैनात हैं। ये पद है-सचिव सुरक्षा और सचिव रा। इनके अलावा गृह मंत्रालय मे विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा का पद भी आई पी एस अधिकारी के पास है।
ऐसे हुआ 87 बैच के दो अधिकारियों का सेक्रेटरी पद पर इंपैनलमेंट
केंद्र में पिछले हफ्ते 1987 बैच के दो आईएएस अधिकारी सचिव /सचिव समकक्ष के लिए एम्पैनल हुए हैं। इनके नाम है – उत्तर प्रदेश काडर के अरुण सिंघल और कर्नाटक काडर की वी मंजुला। बताया जाता है कि इन दोनों अधिकारियों का एम्पैनलमेंट पांचवीं बैठक के बाद हुआ है। 1987 बैच के 40 आईएएस अधिकारियों का केंद्र मे सचिव और उसके समकक्ष पहला एम्पैनलमेंट 9 अक्टूबर 2019 को हुआ था। इसके बाद 13 अप्रैल 2020 को इसी बैच के 7 और अधिकारियों, 11 फरवरी 2021 को 1987 बैच के दो तथा 6 अक्टूबर 2021 को इसी बैच के एक और अब इसी बैच के दो अधिकारियों का एम्पैनलमेंट हुआ।