Dissatisfaction Emerged in BJP : पार्षद की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा में असंतोष उभरा

'ताई' के समर्थकों को टिकट नहीं, सांसद के अधिकांश नाम कटे, उषा ठाकुर भी खाली हाथ

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Pachmarhi
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इंदौर। उम्मीद के विपरीत इस बार भाजपा के पार्षद टिकट वितरण में भारी अनुशासनहीनता सामने आई। जिस तरह की घटनाएं अभी तक कांग्रेस कार्यालय पर टिकट को लेकर दिखाई देती थी, वैसी स्तरहीन खींचतान अब भाजपा में दिखाई दी। भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों की सूची भोपाल से ही जारी होने के आसार है। जिस तरह से अनुशासनहीनता और असंतोष उभरकर सामने आया पार्टी के भीतर विद्रोह का भी खतरा नजर आ रहा है। यह भी जानकारी मिली कि सुमित्रा महाजन के समर्थकों को टिकट न दिए जाने के विरोध में उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने व्यक्त किया।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा महापौर पद के प्रत्याशी के चयन में लंबी उठापटक करने के बाद अब पार्षदों के चयन को लेकर काफी विवाद सामने आए। सालों से पार्टी में कार्य करने वाले जमीनी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से पार्षद पद की उम्मीदवारी की तैयारी करते नजर आ रहे थे, लेकिन, नामांकन की आखिरी तारीख के एक दिन पहले फाइनल हुए।

क्षेत्र के बाहरी नेताओं और नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देने की बात से जमीनी कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश देखने को मिला। कहीं कोई पार्टी कार्यालय जा रहा है, तो कोई अपने बड़े नेता के दफ्तर जाता नजर आ रहा है। साथ ही अनेक कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ने जैसी बात भी करते नजर आए। शायद इस आक्रोश का खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को नगर निगम के चुनाव में देखने को मिल सकता है

अनुशासनहीनता की स्थिति ऐसी हो गई कि नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे दुखी होकर बाहर आ गए। टिकट वितरण को लेकर गहरा असंतोष है। भाजपा पार्टी कार्यालय पर राऊ विधानसभा के राजेंद्र नगर वार्ड (क्रमांक 80) से एक शासकीय कर्मचारी को टिकट नहीं देने के लिए कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। इसके खिलाफ 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता सामूहिक रूप से इस्तीफा दे सकते हैं। वार्ड क्रमांक 81 राजेंद्र नगर के कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष ने विरोध में प्रदर्शन किया। वार्ड क्रमांक 80 से सरकारी सेवा वाले को टिकट देने के विरोध में मंडल प्रभारी, मंडल उपाध्यक्ष, मंडल मंत्री, वार्ड संयोजक, वार्ड पालक, सभी बूथ अध्यक्ष, बूथ प्रभारियों ने इस्तीफे की धमकी दी है।

विधानसभा-2 में भी कार्यकर्ताओ ने विधायक रमेश मेंदोला के सामने विरोध किया गया। कुछ वार्डों को लेकर विरोध हुआ और कहा गया कि हमारा जीवन पार्टी का काम करते हो गया, पार्टी कांग्रेस से आए लोगों को टिकट दे रही हैं।


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विधानसभा क्षेत्र-3 के उम्मीदवारों के चयन में कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ी भूमिका निभाई। उनके पहुंचने के बाद आकाश विजयवर्गीय के नामों पर सहमति हो गई। इस क्षेत्र से उषा ठाकुर से लेकर सुमित्रा महाजन और कृष्णमुरारी मोघे के दिए नाम दरकिनार हो गए। कांग्रेस से भाजपा में आए बबली ठाकुर को भी भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। विधानसभा क्षेत्र-4 से पूरा जोर लगाने के बाद भी सांसद शंकर लालवानी 2 समर्थकों को ही टिकट दिला सके। 13 में से 9 वार्डों में मालिनी गौड़ भारी रही। क्षेत्र-3 में पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन, कृष्णमुरारी मोघे, उषा ठाकुर, गोपी नेमा की सूची पर विचार ही नहीं हुआ।

विधानसभा क्षेत्र-4 में मालिनी गौड़ की एकतरफा चली है। यहां तमाम कोशिश के बाद भी शंकर लालवानी केवल 2 उम्मीदवारों पर ही संतुष्ट हो पाए, बाकी किसी भी नेता की यहां नहीं चली। 13 वार्डों में से 9 वार्डों में मालिनी गौड़ अपने उम्मीदवार को निकाल लाईं। शंकर लालवानी केवल सतीश शर्मा और कंचन गिदवानी को ही टिकट दिला पाए। मालिनी गौड़के समर्थक प्रितम लूथरा, राकेश जैन, ब्रेन चेटके, कमल लड्ढा, अजय बड़जात्या की उम्मीदवारी तय हो गई है।

राऊ विधानसभा में इस बार जीतू जिराती और मधु वर्मा की जुगलबंदी के चलते किसी की नहीं चली। 8 मराठी बहुल क्षेत्रों में भी ताई के उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया गया। इस बात को लेकर ‘ताई’ ने मुख्यमंत्री को फोन पर अपनी नाराजगी भी प्रकट की। यहां वार्ड 80 में अजय असपुरकर को उम्मीदवार बनाया गया है तो दूसरी और वार्ड 81 में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बबलू शर्मा के लिए और ज्योतिरादित्य सिंधिया दीपक राजपूत को लड़ाना चाहते थे। परंतु, यहां मधु वर्मा अपने भाई बलराम वर्मा को उम्मीदवार बनाने में सफल हो गए।