DAVV’s Functioning Affected : चुनाव में DAVV के कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से व्यवस्था भंग
इंदौर से अनिल शुक्ला की रिपोर्ट
Indore : नगर निगम और पंचायत चुनाव में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के कर्मचारियों की बड़ी संख्या में ड्यूटी लगाई गई है। निर्वाचन काम में ड्यूटी लगने से विश्वविद्यालय का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ। इससे परीक्षा व्यवस्था गड़बड़ा गई है, इस कारण हजारों स्टूडेंट्स परेशानी में फंस गए।
नगर निगम और जिला पंचायत चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने हजारों शासकीय और अर्द्ध शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इन कर्मचारियों में DAVV के कर्मचारी भी शामिल है। 450 में से करीब 200 कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगा दी गई। बड़ी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से विश्वविद्यालय की व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
सबसे ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी परीक्षा, गोपनीय विभाग और प्रशासनिक विभाग के कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य में लगाया गया। इस कारण प्रशासनिक, परीक्षा और प्रवेश सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे है। ये विभाग विश्वविद्यालय के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में है। कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से सबसे ज्यादा परीक्षा का काम प्रभावित हुआ। परीक्षा प्रभावित होने से रिजल्ट की व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है।
नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा आयोजित हो रही है। DAVV प्रशासन ने तय किया है कि जिस दिन चुनाव होंगे, उस दिन परीक्षा आयोजित नहीं की जाएंगी। कुलसचिव अनिल शर्मा के अनुसार यह सही है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों की निर्वाचन काम में ड्यूटी लगने से विश्वविद्यालय का कामकाज खासा प्रभावित हो रहा है। कुलसचिव शर्मा ने बताया कि 80 फीसदी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस वजह से परीक्षा सम्बन्धी काम काफी प्रभावित हो रहे है। शर्मा के मुताबिक मामले में कुलपति ने जिला निर्वाचन कार्यालय को पत्र भी लिखा है। पत्र में समस्या बताने के साथ ही मदद की बात भी लिखी गई है। इधर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चेनसिंह यादव ने बताया कि कर्मचारियों की ड्यूटी हमेशा निर्वाचन काम में लगाई जाती है। जिसके चलते कामकाज काफी प्रभावित होते है। परीक्षा समय पर नहीं होने के साथ साथ रिजल्ट भी देरी से निकल पाते है। यादव के अनुसार DAVV में पहले ही कर्मचारियों की कमी बनी हुई है। ऐसे में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना कहा तक ठीक है।
उधर परीक्षा और रिजल्ट लेट होने से हजारों स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। .