Indore : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार पोस्टर बैनर की बजाय इंटरनेट मीडिया में प्रचार का नया अंदाज सबको खूब लुभा रहा है। इस बार गांव में हर घर और हर हाथ में एंड्राइड मोबाइल होने से उम्मीदवार चुनाव प्रचार के हाईटेक तरीके को ज्यादा तवज्जो दे रहे है।
पिछले पंचायत चुनाव के दौरान देखने में आता था कि गांवों की गलियां पोस्टर-बैनर से पट जाती थीं। लेकिन, वक्त के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी तेजी से बदला है। इस बार उम्मीदवार प्रचार के लिए पोस्टर बैनर से ज्यादा इंटरनेट मीडिया का उपयोग बखूबी कर रहे हैं। जिला व जनपद पंचायतों के सदस्य सहित ग्राम पंचायतों के सरपंच व पंच पद के प्रत्याशी इस बार फेसबुक, व्हाट्सएप से प्रचार करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। व्हाट्सएप पर सुबह सुप्रभात और शाम को शुभ रात्रि जैसे अभिवादन वाला मैसेज भेजकर मतदाताओं को लुभाया जा रहा है।
मोबाइल से प्रचार चर्चित होने लगा
वार्ड संख्या के हिसाब से प्रत्याशियों ने अलग-अलग ग्रुप बना रखे हैं। मोबाइल पर प्रचार गांव में चर्चा का विषय बना है, जो लोगों को पसंद भी आ रहा है। मजे की बात तो ये है कि उम्रदराज अधिकांश उम्मीदवारों को मोबाइल में केवल कॉल रिसीव और काल करना ही आता है। लेकिन, वे भी नए जमाने के हाईटेक प्रचार में किसी से पीछे नहीं हैं।
ग्रामीणों के सवालों के जवाब भी
वे अपने घर के युवाओं और बच्चों से अपनी फोटो खिंचवाकर अपलोड कराते हैं और गांव के समग्र विकास की अपील वाटसअप ग्रुप में सेंड करके अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों के सवालों के जवाब भी मैसेज के रूप में भेजे जा रहे हैं। गांव में घर-घर जनसंपर्क का लाइव वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल करके प्रत्याशी अपने पक्ष में माहौल बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
समर्थकों ने भी ग्रुप बनाए
प्रत्याशी ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों से लेकर पारिवारिक लोग भी फेसबुक, व्हाटसएप जैसे तमाम प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार की पोस्ट भेजकर वोट देने की अपील करने में पीछे नहीं हैं। इंटरनेट पर चुनावी घमासान में सबसे मजे की बात तो ये है कि जिस उम्मीदवार के घर के बाहर नाली से पानी बह रहा हो, गंदगी के ढेर लगे हों उस घर के फोटो वायरल करके कहा जा रहा है कि जो घर साफ नहीं कर पाया वो गांव का विकास क्या करेगा। इस तरह से सवाल-जवाब वाले हाईटेक चुनाव प्रचार का मतदाता भी मजे ले रहे हैं।
चुनाव खर्च बचाकर जनसंपर्क
ग्राम पंचायत सरपंच पद के प्रत्याशियों ने बताया कि अब गांव-देहात में हर किसी के पास एंड्राइड मोबाइल फोन हैं। ऐसे में प्रचार का इससे अच्छा दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता। इससे पोस्टर-बैनर का खर्च भी बच रहा है। कम खर्च में अधिक से अधिक लोगों से आसानी से संपर्क करके अपनी बात उन तक पहुंचा रहे हैं। एक-एक प्रत्याशी के तीन-तीन वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इन ग्रुपों में प्रत्याशी अपने प्रचार के साथ-साथ दूसरे प्रत्याशियों की जमकर बुराई भी कर रहे हैं। ग्रुप में प्रत्याशी अपने बारे में गाने भी प्रसारित कर रहे हैं, जो स्थानीय गायकों ने गाए हैं।