युवक की हत्या कर लाश को मोटरसाइकिल पर लोहे की पेटी में लें जाकर फैंकने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

टोल प्लाजा के सीसीटीवी और डीएनए टेस्ट ने पहुंचाया सलाखों के पिछे

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सिंहस्थ-2004

रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने रतलाम शहर के चर्चित मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अभियुक्त बादल पिता ईश्वर लाल जाट को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

मामले में सहायक मीडिया सेल प्रभारी जिला अभियोजन कृष्णकांत चौहान ने बताया कि आरोपी बादल पिता ईश्वरलाल जाट उम्र 20 साल निवासी ग्राम छत्री चोकी बिरमावल थाना बिलपांक व विधि विरूद्ध बालक ने साथ मिलकर मृतक निलेश उर्फ अजय पिता बाबुलाल जाट निवासी ग्राम पंचेड़ थाना नामली, हालमुकाम गणेश नगर रतलाम द्वारा आरोपी बादल जाट की पत्नी के साथ छेड़छाड़ कर और अनावश्यक फोन करने की बात पर रंजिश रखने के कारण उसे धोखे से अपने रिश्तेदार जो कि मृतक का भी रिश्तेदार है,जितेंन्द्र जाट के मकान बी-92 अलकापुरी पर बात करने के बहाने बुलाकर उसके साथ बेसबाल बेट से मारपीट कर,रस्सी से हाथ पैर बांधकर,चाकू से गोदकर हत्या कर दी फिर साक्ष्य मिटाने की दृष्टि से उसके शव को प्लास्टिक की दो सफेद कट्टो मे भरकर एक जूट के बोरे में बांधकर एक लोहे के संदुक में रखकर अपने भाई की मोटरसाइकिल नम्बर MP43, DS 1929 पर रखकर लगभग 125 किमी दूर धार जिले के मांडव मे खाई में फेक दिया एवं घटना में प्रयुक्त चाकु,बेसबाल का डंडा,आरोपी के कपड़े व घटना स्थल को साफ करने में उपयोग किया हुआ एक टावेल आदि एक सफेद प्लास्टिक की बोरी में भरकर मांडव स्थित अंधा-अंधी के महल के पास स्थित झरने की खाई में फेंक दिया।मामले में तथ्यों के आधार पर आरोपीगण बादल जाट व वि.वि.बालक के विरुद्ध अपराध धारा 302,201,34 भादवि की देहाती नालसी लेख की गई जो थाने पर अपराध क्रमांक 583/18 धारा 302,201,34 भादवि का पंजीबद्ध किया गया।

अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया। आरोपीगण की निशादेही पर मांडव की खाई से मृतक की लाश,हथियार एवं अन्य संपत्तियां जप्त की गई।

अनुसंधान के दौरान रतलाम शहर के विभिन्न‍ संबंधित रास्ते के एवं रतलाम से धार हाईवे में पड़ने वाले तीन टोल प्लाजा जिसमें बिलपांक,छोकला,चिकलिया एवं एक पेट्रोल पम्प कानवन जिला धार तथा घोडा चौराहा धार के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान हुई थी।जो कि मोटर साइकिल से लोहे की पेटी के अंदर मृतक अजय उर्फ नीलेश का शव बीच में रख कर ले जाते हुए फूटेज होने से विधिवत रूप से सी.डी. न्यायालय में चलाकर दिखाई गई जिस सीसीटीवी फूटेज में मोटर साइकिल को आरोपी बादल चलाते दिखाई दिया है।जिससे यह साबित हुआ कि आरोपीगण बादल व विधी विरुद्ध बालक द्वारा मृतक नीलेश उर्फ अजय की लाश को लोहे की पेटी में रख कर रतलाम से माण्डव ले जाकर खाई फैंक दिया।इसके साथ ही आरोपी एवं उसके साथी के घटना के दिन उनके द्वारा उपयोग किए गए मोबाईल के सीडीआर एवं टॉवर लोकेशन से भी उनकी पहचान सुनिश्चित हुई थी।

सम्पूर्ण अनुसंधान,एफ.आई. आर.गुम इंसान रिपोर्ट,मर्ग इण्टीमेशन,अपराध देहाती नालिसी,मर्ग देहाती नालिसी, नक्शा मौका,मेमोरेण्डम,जप्ती, गिरफ्तारी,धारा 65 के प्रमाण पत्र,सीसीटीवी वीडियो फूटेज एवं सी.डी.,फोटो,एफएसएल. ड्राफ्ट, कथन साक्षीगण तथा धारा 164 जा.फो के कथन से आरोपी बादल पिता ईश्वरलाल जाट उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम छत्री चौकी बिरमावल थाना बिलपांक जिला रतलाम एवं वि.वि.बालक के विरूद्ध अपराध धारा 302,201,34 भादवि का अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया हैं। वि.वि.बालक का विचारण किशोर न्यायालय मे किया जा रहा है।

उक्त मामलें में अभियोजन द्वारा 17 गवाहों के कथन न्यायालय में करवाये गए।आरोपीगण के घटना के समय प्रयुक्त मोबाईल नंबरो की कॉल डिटेल,टॉवर लोकेशन एवं सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को अभियोजन द्वारा न्यायालय में प्रमाणित किया गया जिसके माध्यम से आरोपी बादल एवं वि‍.वि.बालक की घटना के समय घटना स्थल पर उपस्थिति प्रमाणित हुई।मृतक के आर्टिकल तथा आरोपी से जप्त चाकू में लगे खून में डीएनए प्रमाणित किया गया।आरोपी के बचाव पक्ष द्वारा अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा की गई त्रुटियों को कॉफी प्रभावी ढंग से रखने का प्रयास किया जिसके बारे में अभियोजन द्वारा समुचित उत्तर दिया गया।तब अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा यह दोषसिद्धि की गई।प्रकरण में अभियोजन की ओर से संचालन जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया।

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