झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
झाबुआ। रतलाम संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर को अपने ही गृहक्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं के विरोध का सामना करना पड़ा| श्री डामोर पंचायत चुनाव में अपने भाई के चुनाव प्रचार व जनसंपर्क के लिए गए थे| विरोध के बाद चुनावी सभा से सभी ग्रामीण एक साथ उठकर चले गए! घटना का विडीयों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है|
जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर रामा विकास खंड की ग्राम पंचायत पालेडी मे सोमवार की रात चुनावी सभा रखी गई थी| सांसद के भाई गजराजसिंह डामोर वार्ड क्रमांक 5 से जनपद सदस्य के लिए उम्मीदवार है| सांसद अपने भाई के समर्थन में चुनावी सभा करने गए थे| इनके साथ पत्नी श्रीमती सूरज डामोर, भाई अजयसिंह डामोर और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे|
चुनावी सभा में स्थानीय निवासी पेमाजी काग ने संबोधन मे कहा कि सांसद जीत के गए तब से हम आपको आज देख रहे है| महीने में नहीं छः महीने में ही एक बार आ जाते! पेमाजी की बात का समर्थन करते हुए ग्रामीणों की भीड़ ने तालीयां बजा दी|
ग्रामीणों की शिकायत थी कि सांसद चुनाव जीतने के बाद गांव में नहीं आए और उनकी सुध नहीं ली| पेयजल सहित कई अन्य समस्याओं के निराकरण को लेकर भी ग्रामीणों के विरोध का सामना सांसद को करना पड़ा|
सांसद ने कुर्सी से खड़े होकर अपना पक्ष रखते हुए सरपंच से कहलवाया कि मैं चुनाव जीतने के बाद कितनी बार आया बताओ| इस दौरान सांसद पत्नी श्रीमती सूरज डामोर ने ग्रामीण पेमाजी के हाथ से माइक ले लिया| श्रीमती डामोर ने ग्रामीणों से पूछा कि गांव का एक आदमी हाथ उठाकर बोल दे कि डामोर साहब आपके क्षेत्र में गांव में आए के नहीं आए| श्रीमती डामोर की बात को एक स्वर में ग्रामीणों ने नकारते हुए कहा कि सांसद गांव में नहीं आए|
ग्रामीणजनों के विरोध और स्वयं के अपमान से नाराज श्रीमती डामोर माइक छोड़कर अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गई| भीड़ भरे माहौल में सांसद अपनी सफाई देते रहे और चुनावी सभा में एकत्रित ग्रामीण महिला-पुरूष बुजूर्ग सभी उठकर चले गए| इस मामले में सांसद से चर्चा करनें के लिए मोबाईल पर संपर्क किया गया लेकिन, उन्होंने काॅल रिसीव नहीं किया|