Child Labor Sent Back : मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे 16 बच्चों को पढ़ने भेजा
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : कई महीनों से इस क्षेत्र में पिकअप वाहनों मजदूरों को भरकर मज़दूरी के लिए ले जा रहा है। इसमें अधिकांश नाबालिग होते हैं, जिन्हें ठूंस ठूंसकर इन लोडिंग वाहनों में भरा जाता है। जबकि, अब स्कूल भी खुल चुके हैं। लेकिन, पालक भी स्कूल भेजने के बजाए अपने बच्चों को मजदूरी कराने ले जाते हैं।
ऐसे ही मजदूरों से भरे एक पिकअप वाहन को रोककर शिक्षा विभाग के BRC अजय मुवेल ने वाहन चालकों को चेतावनी दी कि वे वापस इन बच्चों को स्कूल जाने के लिए उनके गांव छोड़कर आएं। यदि फिर ऐसे नाबालिग बच्चों को मजदूरीके लिए ले जाया गया तो उसके खिलाफ बाल मजदूरी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। ग्राम बोरली के समीप वाहनों में भरकर मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे बच्चों को शिक्षा विभाग, चाइल्ड लाइन, सेव द चिल्ड्रन आदि के संयुक्त टीम प्रयास से मजदूरी पर जा रहे बच्चो को पिकअप वाहन रोककर दूसरे दिन भी उन्हें स्कूल जाने की समझाइश दी गई। शिक्षा विभाग लगातार अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं।
BRC अजय मुवेल ने बच्चों को शिक्षा का महत्व और स्कूल में बच्चों के विकास के लिए दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। बच्चों को ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति और चाइल्ड लाइन 1098 द्वारा कठिन परिस्थिति में दी जाने वाली आकस्मिक सहायता के बारे में भी जागरूक किया गया। इसके बाद बच्चों को सुरक्षित घर वापस भेजा गया। बच्चों को मजदूरी पर ले जा रहे पिकअप वाहन संचालक को बाल मजदूरी कानून की समझाइश दी गई। बताया गया कि बाल श्रम कानून 2015 की धारा 3 के अंतर्गत 14 वर्ष तक के बाल श्रमिक का खतरनाक एवं गैर खतरनाक सभी प्रकार के नियोजनों में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। 14 से 18 वर्ष के कुमार श्रमिकों का खतरनाक उद्योग में नियोजन प्रतिबंधित है। धारा 14 के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधान है तथा 20 हजार से 50 हजार तक का जुर्माना तथा 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
उक्त कार्यवाही में जन शिक्षक प्रकाश वर्मा, शिक्षक रूप सिंह मंडलोई, चाइल्ड लाइन से पंकज सूर्यवंशी, समन्वयक उत्तम शर्मा, ब्लॉक सुपरवाइजर महेश कोटे आदि उपस्थित थे।
Child Labor Sent Back : मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे 16 बच्चों को पढ़ने भेजा
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : कई महीनों से इस क्षेत्र में पिकअप वाहनों मजदूरों को भरकर मज़दूरी के लिए ले जा रहा है। इसमें अधिकांश नाबालिग होते हैं, जिन्हें ठूंस ठूंसकर इन लोडिंग वाहनों में भरा जाता है। जबकि, अब स्कूल भी खुल चुके हैं। लेकिन, पालक भी स्कूल भेजने के बजाए अपने बच्चों को मजदूरी कराने ले जाते हैं।
ऐसे ही मजदूरों से भरे एक पिकअप वाहन को रोककर शिक्षा विभाग के BRC अजय मुवेल ने वाहन चालकों को चेतावनी दी कि वे वापस इन बच्चों को स्कूल जाने के लिए उनके गांव छोड़कर आएं। यदि फिर ऐसे नाबालिग बच्चों को मजदूरीके लिए ले जाया गया तो उसके खिलाफ बाल मजदूरी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। ग्राम बोरली के समीप वाहनों में भरकर मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे बच्चों को शिक्षा विभाग, चाइल्ड लाइन, सेव द चिल्ड्रन आदि के संयुक्त टीम प्रयास से मजदूरी पर जा रहे बच्चो को पिकअप वाहन रोककर दूसरे दिन भी उन्हें स्कूल जाने की समझाइश दी गई। शिक्षा विभाग लगातार अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं।
BRC अजय मुवेल ने बच्चों को शिक्षा का महत्व और स्कूल में बच्चों के विकास के लिए दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। बच्चों को ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति और चाइल्ड लाइन 1098 द्वारा कठिन परिस्थिति में दी जाने वाली आकस्मिक सहायता के बारे में भी जागरूक किया गया। इसके बाद बच्चों को सुरक्षित घर वापस भेजा गया। बच्चों को मजदूरी पर ले जा रहे पिकअप वाहन संचालक को बाल मजदूरी कानून की समझाइश दी गई। बताया गया कि बाल श्रम कानून 2015 की धारा 3 के अंतर्गत 14 वर्ष तक के बाल श्रमिक का खतरनाक एवं गैर खतरनाक सभी प्रकार के नियोजनों में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। 14 से 18 वर्ष के कुमार श्रमिकों का खतरनाक उद्योग में नियोजन प्रतिबंधित है। धारा 14 के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधान है तथा 20 हजार से 50 हजार तक का जुर्माना तथा 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
उक्त कार्यवाही में जन शिक्षक प्रकाश वर्मा, शिक्षक रूप सिंह मंडलोई, चाइल्ड लाइन से पंकज सूर्यवंशी, समन्वयक उत्तम शर्मा, ब्लॉक सुपरवाइजर महेश कोटे आदि उपस्थित थे।