Bhopal MP: भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive) की घोषणा कर दी। नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 80 सदस्यों को जगह मिली। राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं के नाम हैं। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में भाजपा ने अपनी कार्यकारिणी में कुछ फेरबदल किए हैं। पश्चिम बंगाल से अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भी इस बार की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिया गया है।
सबसे बड़ा बदलाव मेनका गाँधी और उनके बेटे वरुण गाँधी को लेकर किया गया। दोनों के नाम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में शामिल नहीं है। दोनों को बाहर रखे जाने का कारण स्पष्ट है कि पार्टी को दोनों की मुखरता रास नहीं आ रही। वरुण गांधी वर्तमान में उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। वे लगातार तीन बार सांसद रह चुके हैं। वरुण की मां मेनका गांधी UP की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वे केन्द्र में पहले मंत्री भी रह चुकी हैं। इसके अलावा समाज सेवा से जुड़ी हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना के बाद वरुण गांधी लगातार योगी और मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं।
जहाँ तक मध्यप्रदेश का संदर्भ है, सुमित्रा महाजन का नाम इस सूची में नहीं है। उनके लोकसभा अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही पार्टी उनसे मुंह मोड़े हुए है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें ज्यादा उम्र का बताते हुए टिकट से वंचित कर दिया गया और अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनका नाम नहीं है। प्रदेश के एक और बड़े नेता विनय कटियार का नाम भी सूची में नहीं है। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम इस सूची में शामिल होना दर्शाता है कि प्रदेश के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं में भी उनका राजनीतिक कद बढ़ रहा है। इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पार्टी ने कार्यकारिणी में रखा है। कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने फिर राष्ट्रीय महामंत्री बनाया है। जबलपुर से सांसद राकेश सिंह को उत्तर प्रदेश के शिवप्रताप शुक्ला के साथ संसद का मुख्य सचेतक बनाया गया है। मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता को पार्टी का सह-कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
सबसे चौंकाने वाला बदलाव पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किया जाना है। BJP की वरिष्ठ नेता और वरुण की मां मेनका गांधी (Mainka Gandhi) भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर हैं। वरुण के बारे में चर्चित है कि वे लगातार भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं। लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों हुई हिंसा के मामले में भी उन्होंने सरकार के खिलाफ बयान दिया। वरुण गांधी ने लखीमपुर कांड का नया वीडियो सामने आने के बाद भी ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। वरुण ने ट्विटर पर लिखा ‘वीडियो बिल्कुल साफ है, विरोध करने वालों की हत्या कर उन्हें खामोश नहीं किया जा सकता है। बेगुनाह किसानों का खून बहाने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। इससे पहले कि किसानों के मन में सरकार के प्रति अहंकार और क्रूरता का संदेश जाए न्याय होना चाहिए।’