Fraud In The Name Of Investment : दो करोड़ की ठगी के आरोपी को शिवपुरी में पकड़ा

निवेश के पैसे लेकर अब तक फरार, परिवार ने ठग के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखवाई

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Indore : शेयर ट्रेडिंग के नाम पर दो करोड़ रुपए की ठगी के मामले में फरार आरोपी पुलिस से बचते हुए एक कंपनी में एमआर की नौकरी करने लगा। वह परिजनों से भी व्हाट्सएप कॉलिंग पर बात करता था। उधर, परिजनों ने भी उसकी शिकायत होते हुए, उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी, जैसे ही उसके शिवपुरी में होने का सुराग लगा तो योजना बनाकर उसे धरदबोचा।
शहर में निवेश के नाम पर झांसा देकर ठगी कर लोगो को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वालो के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र दिए हैं। इन निर्देशों के चलते पुलिस थाना विजय नगर ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों के साथ धोखा धड़ी करने वाले एक शातिर ठग को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। 2020 में विजयनगर पुलिस ने कविता गुर्जर निवासी निरंजनपुर की शिकायत पर मनोज सक्सेना और उसके बेटे पल्लव सक्सेना निवासी अभिनंदन नगर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। कविता के अलावा लोकेंद्र ठाकुर, नैनसिंह, संगीता राजपूत, ज्योति राजपूत, सीमा ठाकुर, प्रीति शर्मा व अन्य लोगों ने भी इस मामले में शिकायत की थी।
आरोपी मनोज ने ऑर्बिट मॉल में स्वस्तिक इन्वेस्टमेंट नाम से कंपनी शुरू की थी। वह शेयर बाजार में पैसा निवेश करवाते थे। इसी के लिए उन्होंने पीड़ितों से संपर्क किया उन्हें बताया कि शेयर बाजार में निवेश करने के बदले में हुए 20 से 25% मुनाफा कमाते हैं। अगर वह लोग उनकी कंपनी में पैसा निवेश करते हैं तो 15% मुनाफा उन्हें मिलेगा। जो राशि वे निवेश करेंगे वह 6 महीने बाद वापस ले सकते हैं। फरियादी कविता को मुनाफे के नाम पर 70 हजार रुपए ही मिले थे, बाद में पैसा मिलना बंद हो गया। उसने मनोज से संपर्क किया तो उसका मोबाइल भी बंद था। पीड़ित जब मनोज के घर पर पहुंचे तो उनके पिता ने बताया कि मनोज को घर व संपत्ति से बेदखल कर दिया है। अब उनका मनोज से कोई लेना-देना नहीं! जबकि, मनोज उनके साथ ही घर में रह रहा था।
जब पीड़ितों ने मामले की शिकायत पुलिस को की तो पता चला कि परिवार ने मनोज की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। उसके बाद से मनोज का कोई पता नहीं था। केस दर्ज होने के बाद बेटा पल्लव भी गायब हो गया था। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी थी,जांच में पता चला कि मनोज व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए परिवार के संपर्क में रहता है। इसी के बाद पुलिस ने उसकी जानकारी जुटाई तो उसके गुना में होने का पता चला। वहां पर एक दवा कंपनी में वह एमआर का काम कर रहा था। काम के सिलसिले में वह अन्य शहरों में आता है। पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर शिवपुरी से गुरुवार को उसे गिरफ्तार किया और इंदौर लेकर आए। मनोज की तलाश में पुलिस टीम लगातार जुटी हुई थी। दवा के लिए एक डॉक्टर से मिलवाने के नाम पर पुलिस ने मनोज से संपर्क किया था। जब वह मिलने आया तो उसे पकड़ लिया गया। पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जिसके विरुद्ध अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है तथा प्रकरण में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।