नगर-नगर में चहल-पहल …

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मध्यप्रदेश के 16 नगरीय निकाय में इन दिनों खूब मेला लगा है। ‘भाजपा’ और ‘कांग्रेस’ का हक तो बनता ही है कि हर बड़े नगर के निगम में सरकार बनाने का दम भरा जाए। पर निगाह मध्यप्रदेश पर ‘आप’ की भी है। सो दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में झंडा फहराने के बाद अब केजरीवाल की यही इच्छा है कि एक बार कैसे भी मध्यप्रदेश की उंगली पकड़ में आ जाए, फिर पूरा कौंचा पकड़वे कौ अपनौं हुनर दिखावे की गारंटी हमारी है। ‘आप’ का सपना सिंगरौली के रास्ते मध्यप्रदेश फतह करने का है।
सिंगरौली जाने में बारिश में छाता लगाए केजरी के कदम बिल्कुल नहीं डगमगाए। हालांकि आम आदमी पार्टी की टोपी उनके सिर पर न होकर आजू-बाजू चल रहे लोगों के सिर पर जरूर नजर आई। उधर इंदौर में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी का वश नहीं चल रहा वरना यही घोषणा बाकी रह गई है कि नगर निगम का बजट हमारी तरफ से दिया जाएगा, जनता को न संपत्ति कर देना पड़ेगा, न जलकर और न कोई फिकर का चक्कर पालना पड़ेगा। सड़कें, फ्लाईओवर, कोरोना पीड़ित को बीस हजार सब कुछ करने को हम तैयार हैं, बस एक बार हमें महापौर बना दो।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा में दावा करते नहीं थक रहे। ऐसा लग रहा है जैसे संसदीय क्षेत्र बचाने का हुनर इस बार नगरीय निकाय चुनाव में दिखाकर रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब जगह-जगह रोड शो के जरिए जनता से सीधे भाजपा को मत देकर जिताने के जतन में जुटे हैं, तो इन सब मारामारी के बीच भाजपा ने फिर यह दावा कर सबकी नींद चुरा ली है कि सभी नगर निगमों में जीत हासिल कर विजय के सोलह श्रृंगार भाजपा ही करेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने दावा किया है कि केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं के हितग्राही हमारे ब्रांड एंबेसडर होंगे।
नगर-नगर में चहल-पहल ...
सबसे पहले सिंगरौली का गणित समझ लें। यहां कांग्रेस से अरविंद कुमार सिंह चंदेल, भाजपा से चंद्र प्रताप सिंह विश्वकर्मा और आम आदमी पार्टी से रानी अग्रवाल सहित एक दर्जन प्रत्याशी मैदान में हैं। रानी अग्रवाल विधायक का चुनाव गिने-चुने मतों से हार गई थी, जिससे उनकी इच्छा है कि जीत की तरफ एक कदम तो बढ़े। सिंगरौली में रानी को टिकट इसीलिए मिला है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में वह गिने-चुने मतों से हारी थीं, सो लग रहा है कि जनता जनार्दन कभी तो पसीजेगी। उसी दिन हिसाब-किताब बराबर हो जाएगा।

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कमलनाथ ने दर्द बयां किया कि मैं 40 साल से छिंदवाड़ा का विकास कर रहा हूं, इससे शिवराज सिंह जी के पेट में दर्द होता है। वहीं कांग्रेस की अपेक्षा है कि इंदौर, भोपाल, सतना सहित कई सीटें अपनी झोली में डाल लें। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस का महापौर बनेगा तो नगर निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा। ऐसे ही घोषणा उन्होंने इंदौर नगर निगम के लिए भी की है। मतदान के बाद ही पता चलेगा कि जनता का मन क्या था?
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तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का दावा है कि ग्रामीण निकायों के चुनावों में दोनों चरणों के रुझान भाजपा की भारी जीत के संकेत दे रहे हैं। नगर निकाय चुनाव में पार्टी ने जिस तरह के स्वच्छ छवि वाले कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है, पार्टी संगठन और कार्यकर्ता जिस तरह से बूथ स्तर तक काम कर रहे हैं और प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकारों ने अपनी योजनाओं के माध्यम से जिस तरह से गरीबों का जीवन बदलने का काम किया है, उसके आधार पर सभी 16 नगर निगमों में भाजपा की जीत सुनिश्चित है। हर निकाय में भारी बहुमत से जीतकर भाजपा विजय का सोलह श्रृंगार करेगी। कोरोना पीड़ित होकर भी शर्मा ने बिना विश्राम किए वर्चुअली ही हर क्षण पार्टी के काम में लगा दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी समर में अपना हर पल कुर्बान कर दिया है। सभाएं, रोड शो और हर संभव काम कर वह सोलह नगरीय निकाय में कमल के फूल का बर्चस्व कायम रखना चाहते हैं। इसके लिए दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अब बेला आ ही गई है। एक पखवाड़ा शेष है। तब समर में कौन विजेता रहा, कौन रनर अप…सब सामने आ ही जाएगा। फिलहाल तो नगर-नगर में चहल-पहल है।