मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। सात सालों बाद होरहे नगर निकाय चुनाव के प्रथम चरण में बुधवार को जिले की एकमात्र नगरपालिका मंदसौर के चालीस वार्ड पार्षदों और एक नगर परिषद नगरी के 15 पार्षदों के लिए मतदान हुआ।
ग्रामीण क्षेत्र नगरी में रिकॉर्ड मतदान 88.86 प्रतिशत हुआ, जबकि जिला मुख्यालय मंदसौर नगर पालिका के लिए 66.87 प्रतिशत मत ही डाले गए।
मंदसौर नगर में मतदान के प्रति रुझान कम देखने मे आया। कुल 1 लाख 22 हजार से अधिक मतदाता थे, जिसमें केवल 81 हजार 736 वोट ही पड़े। महिलाओं ने 64 फ़ीसदी तो पुरुषों ने 69 फ़ीसदी मताधिकार का उपयोग किया।
पिछले नगर निकाय चुनाव में मंदसौर में लगभग 74 प्रतिशत मतदान हुआ था, इस बार लगभग 8 प्रतिशत कम रहा।
मतदान के दौरान वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने पत्नी सहित, सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक यशपालसिंह सिसोदिया, कांग्रेस नेता पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, जिलाध्यक्ष नवकृष्ण पाटिल, युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सोमिल नाहटा आदि ने मताधिकार का उपयोग किया।
शहर किला क्षेत्र में 95 वर्षीय वयोवृद्ध खातुन बी एवं पति ने जोड़ी से वोट दिया। कलेक्टर गौतमसिंह एस पी अनुराग सुजानिया ने प्रोत्साहित किया और वृद्ध जोड़ी साथ फ़ोटो कराया।
मोटे तौर पर मतदान शान्ति पूर्ण रहा पर छोटी मोटी घटना भी हुई। वार्ड नम्बर 3, 7, 14, 21, 39 व अन्य में मतदाता सूची में कुछ नाम नहीं मिले वहीं कुछ मतदाताओं के नाम अन्य वार्डो में भी पाए गए, इस पर आपत्ति भी उठाई गई।
वार्ड नम्बर 7 के एक मतदाता की पर्ची में पुरूष के स्थान पर महिला का चित्र अंकित पाया गया, बहस और प्रमाण देने पर वरिष्ठ नागरिक मतदान कर पाए।
वार्ड नम्बर 38 में किसी मतदाता ने ईवीएम मशीन की फ़ोटो लेकर फॉरवर्ड कर दी, प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले को पुलिस को दिया।
वार्ड नम्बर 7, 23 एवं 39 में एवं किला क्षेत्र पुराने शहर के वार्डो में छूट पुट विवाद की स्थिति बनी, प्रशासन और पुलिस ने संभाला। एक अपराधी जाहिद जुम्मा को गिरफ्तार किया गया।
मतदान का आंकड़ा सामने आते ही हार जीत और मतों के अंतर के क़यास किये जाने लगे हैं। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों द्वारा अपने पक्ष में दावा किया जा रहा है। वहीं कम से कम तीन वार्डो में निर्दलीयों को जीत की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी उम्मीदवार में मैदान में हैं पर फिलहाल परिणाम प्रभावित करते नज़र नहीं आते।
अधिकृत परिणामों की घोषणा तो दस दिनों बाद होगी पर अनुमान और उम्मीद चलती रहेगी।
कई उम्मीदवार के हार जीत पर सट्टा बाजार में भी बड़ा दाव लगा है।
इस बार निर्वाचित पार्षद ही मंदसौर में ओबीसी महिला अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। जोड़तोड़ का बड़ा खेल संभावित है इसलिए पहले पार्षद चुने जाने पर जोर रहा, अब अगले चरण में अध्यक्ष कौन बनेगी? इस पर सबकी निगाहें हैं।