पंचायत में बूथ, नेतृत्व और विकास पास, नगरीय निकाय करेंगे दूध का दूध और पानी का पानी …

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पंचायत चुनावों में दलों के जीत-हार के दावों के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने साफ कर दिया है कि 52 जिला पंचायतों में चुनाव हुए थे, जिनमें से 44 जिला पंचायतों में भाजपा को ऐतिहासिक बहुमत मिला है। 8 अन्य जिलों में भी भाजपा की जिला पंचायत बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। इनमें से 3 जिलों में थोड़ी कठिनाई आ रही है, लेकिन 29 तारीख को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 84 प्रतिशत जिला पंचायतों में भाजपा को सफलता मिली है। प्रदेश की 313 जनपद पंचायतों में से 233 में भाजपा के लोग जीते हैं। इस हिसाब से इनमें भाजपा की सफलता दर करीब 74.44 फीसदी रही है। यानि की बूथ, नेतृत्व और विकास की योजनाओं में जनता ने भाजपा सरकार और संगठन पर पूरा विश्वास जताया है। जनता से किए वादों पर तत्परतापूर्वक अमल करने तथा असंभव माने जाने वाले कामों को भी दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए पूरा करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और पार्टी नेतृत्व के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। यही कारण है कि पंचायत चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को अपना भरपूर समर्थन दिया है। प्रदेश की 22924 पंचायतों में चुनाव हुए थे। इनमें से 19863 पंचायतों में भाजपा समर्थित सरपंच चुने गए हैं। इसके अनुसार प्रदेश की 87 प्रतिशत पंचायतों में सरपंच भाजपा के रहेंगे। पंचायत चुनाव में सबसे खास बात यह रही कि 650 पंचायतों में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध जीते हैं। उन्होंने जीत की वजह भी बताई कि केंद्र और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकारों ने गांवों और ग्रामीण जनता के उत्थान और विकास के लिए जो काम शुरू किए थे, उनके प्रभाव अब ग्रामीण जनजीवन पर दिखाई देने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं तथा विकास कार्यों से गांवों में जीवन आसान हुआ है और जीवन स्तर बेहतर हुआ है।भाजपा को स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया तथा प्रत्येक बूथ पर लगातार काम करने वाले कार्यकर्ताओं को बधाई दी।ग्रामीण निकाय चुनाव में अभूतपूर्व समर्थन के लिए जनता को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा जताई कि नगर निकाय के चुनावों में भी भाजपा को जनता का ऐसा ही आशीर्वाद मिलेगा।
यह पत्रकार वार्ता भाजपा को इसलिए करनी पड़ी, क्योंकि एक दिन पहले कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि पंचायती चुनाव में कांग्रेस आगे है, भाजपा पीछे है। यह कड़वा घूट कांग्रेस को ही चखाने के लिए विष्णुदत्त शर्मा ने आंकड़ों सहित अपनी बात रख दी। तो कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को आइना दिखाने के लिए भी तथ्य सामने रखे। ग्रामीण निकाय चुनाव में प्रदेश की जनता ने गुंडिज्म और तिकड़म की राजनीति करने वाले कांग्रेस के धुरंधरों को अच्छा सबक सिखाया है। गुना में दिग्विजयसिंह का सूपड़ा साफ हो गया है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद की विधानसभा में आने वाली चार में तीन जनपद पंचायतों में कांग्रेस के प्रत्याशी हार गए। इंदौर में मतदाताओं ने कांग्रेस को सबक सिखाया है और भिंड में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। अल्पसंख्यकों को अपना वोट बैंक मानकर राजनीति करने वाली कांग्रेस को बुरहानपुर के मतदाताओं ने ऐसा सबक सिखाया है कि कांग्रेस कभी भूलेगी नहीं। बुरहानपुर के मतदाताओं ने कांग्रेस मुक्त जिला पंचायत बनाई है। छिंदवाड़ा में भी कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों ने यह बता दिया है कि झूठ बोलने वाली, जनता को गुमराह करने वाली ताकतें बुरी तरह असफल रही हैं। एक दिन पहले तीखे लहजे में कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने भाजपा सरकार और संगठन के दावों को आइना दिखाने की कोशिश की थी। शनिवार को भाजपा ने तथ्यों-आंकडों सहित अपनी बात रखकर हिसाब-किताब बराबर कर दिया।
अब भाजपा ने फिर भाजपा कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर दावा किया है कि सभी नगरीय निकायों में भी भाजपा का परचम फहराएगा। 11 नगर निगम महापौरों का फैसला रविवार को होना है। यह फैसला प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के दावों की अग्निपरीक्षा है। इसमें दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा। मतगणना के लिए कांग्रेस ने सभी मतगणना स्थल पर वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई है। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने हैलीकॉप्टर तैयार रखा है ताकि पुलिस-प्रशासन ने गड़बड़ करने की कोशिश की, तो नाथ सामने खड़े होकर दो-दो हाथ कर मामला निपटाएंगे। तंत्र पर इस अविश्वास पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तंज कसा है कि तंत्र पर भरोसा करना पड़ेगा, वरना लोकतंत्र कैसे चलेगा। खैर रविवार का दिन मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनावों के लहजे से बहुत महत्वपूर्ण है। पंचायत चुनाव गैरदलीय थे, पर नगरीय निकाय चुनाव दलीय आधार पर लड़े गए हैं। शिव-विष्णु और नाथ सभी के लिए यह परिणाम बहुत खास हैं। विष्णु का दावा है कि पंचायत में बूथ, नेतृत्व और विकास पास हो गया और अब ग्रामीण विकास नया आयाम गढ़ेगा। अब बारी नगरीय विकास की है।