उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन। श्रावण माह के प्रथम सोमवार पर आज शाम ठीक 4 बजे राजा महाकाल की प्रथम सवारी राजसी ठाठ बाट एवं लावलश्कर के साथ अपने परंपरागत मार्ग से नगर भ्रमण पर निकली। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने सपत्नीक महाकाल मंदिर स्थित सभा मंडप में मनमहेश स्वरूप में विराजित बाबा महाकाल का विधिवत पूजन किया इसके साथ ही पालकी में सवार होकर बाबा नगर भ्रमण के लिए रवाना हुए। मंदिर के बाहर घुड़सवार दल एवं सशस्त्र पुलिस बल ने राजा महाकाल को सलामी दी।
सवारी के क्रम में सबसे पहले कड़ाबीन के धमाके राजा महाकाल के आगमन की सूचना दूर तक पहुँचाते चल रहे थे, कड़ाबीन दल के पीछे चौबदार राजा के आगमन पर प्रजाजनों को सावधान करते चल रहे थे, उनके बाद पुलिस का अश्वारोही दल, पुलिस बैंड की टुकड़ी, सशस्त्र पुलिस बल के जवान एवं सेवादल की महिलाएं मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी।
राजाधिराज भगवान महाकाल की रजत पालकी के आगे अनेकों भक्त व भजन मंडलियां भगवान शिव के भजन-कीर्तन करते हुए तथा झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। लाखों श्रद्धालुगण बाबा महाकाल की एक झलक निहारने को आतुर सवारी मार्ग के दोनों ओर खड़े जय महाकाल का उदघोष कर रहे थे।
करीब दो वर्ष के बाद कोरोना काल में लगे प्रतिबंध हटने पर श्रावण माह की सवारी पुनः अपने परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा से गुदरी, बक्षी बाजार, पानदरीबा, रामानुज कोट होती हुई क्षिप्रा तट रामघाट पर पहुँची, यहाँ रिमझिम बारिश के बीच विधि-विधान से बाबा महाकाल की पालकी का पूजन हुआ और बाबा के मनमहेश स्वरूप का जलाभिषेक किया गया।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित महापौर मुकेश टटवाल, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, एडीएम संतोष टैगोर सहित गणमान्य जन मौजूद रहे। क्षिप्रा तट पर अभिषेक पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, गणगौर दरवाजा, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, छत्रीचौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुँची यहां भव्य आरती के पश्चात पटनी बाजार से पुनः महाकाल चौराहा होती हुई महाकाल मंदिर प्रस्थान कर गई। श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर बाबा महाकाल के मंदिर में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं का आगमन हुआ जो सतत जारी है।