Indore : एक महिला को बिजली विभाग का अफसर बनकर धोखा दिया गया था। उनके खाते से 4.10 लाख रुपए उड़ाए गए। मामला जब राज्य सायबर सेल के पास पहुंचा तो कार्रवाई करते हुए महिला के रुपए वापस दिलवाए गए। स्टेट सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 1 जून 2022 को हंसा पति अभय पिपाड़ा, पत्रकार कॉलोनी ने शिकायत की थी कि उनके मोबाईल नंबर पर बिजली बिल जमा करने के लिए SMS मिले थे।
मैसेज में दिए विद्युत अधिकारी के फर्जी नंबर को सही समझकर आवेदिका ने संपर्क किया। उसने स्वयं को विद्युत विभाग का अधिकारी बताकर एनीडेस्क एप डाउनलोड कराकर बैंक संबंधी जानकारी ले ली। इसी आधार पर फ्राडस्टर व्दारा धोखाधड़ी पूर्वक आवेदिका के बैंक खाते से कुल 4,10,000 रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया। आवेदिका को भारतीय स्टेट बैंक से उक्त ट्रांजेक्शन होने के संबंध में मैसेज प्राप्त होने पर जालसाजी का पता चला।
इस अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलते ही आवेदिका ने स्टेट साइबर जोन कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर अपने साथ हुए फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की गंभीरता को देखते त्वरित कार्यवाही कर प्राप्त बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल पर प्राप्त मैसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी संकलित की गई।
संकलित जानकारी के आधार पर फ्राडस्टर द्वारा फ्रॉड की पूर्ण राशि वेबसाइट फोन पैसा डाट काम के माध्यम से स्थानांतरित कर लेना पाया गया। बैंक को त्वरित पत्राचार व दूरभाष से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई साथ ही स्थानांतरित राशि के संबंध में नोडल अधिकारी से सीधे संपर्क कर त्वरित कार्यवाही की गई । उसके बाद आवेदिका हंसा पिपाड़ा, गैस एजेन्सी संचालिका को फ्राड की राशि 4 लाख 10 हजार रुपए रिफंड करवा दिए गए।
यहां 2.70 लाख की चपत
इसी प्रकार दूसरे मामले में आवेदिका प्रियंका शुक्ला पिता भरत शुक्ला उत्कर्ष विहार ने भी राज्य सायबर सेल कार्यालय पर शिकायत की कि मुम्बई में एक्टिंग के जॉब के सिलसिले में अज्ञात व्यक्ति व्दारा इंटरनेशल नंबर से वाट्सअप पर प्रोफाइल की जानकारी धोखाधड़ी पूर्वक प्राप्त कर 2 लाख 70 हजार 145 रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन करा लिया गया। शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित बैंक से संपर्क किया गया तथा उक्त अवैध ट्रांजेक्शन के संबंध में आवेदिका प्रिंयका शुक्ला को बैंक से फ्राड की राशि 2 लाख 70 हजार 145 रुपए वापस करवा दिए गए।