भोपाल
शहरों की गली-मोहल्लों की जर्जर गढ्ढेदार सड़कें, चौराहों और सड़कों पर गंदगी के ढेर,चौक सीवरेज, भरी हुई नालियां, बंद पड़ी स्ट्रीट लाईट, बारिश में गदे पेयजल का प्रदाय, मच्छरों और आवारा कुत्तों का आतंक, बारिश में घरों के आसपास गाजरघास, खरपतवार की सफाई नहीं होंने, बिजली के तारों को छूते वृक्षों की शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं करने में भोपाल नगर निगम प्रदेश के सोलह नगर निगमों में सबसे अव्वल है। सीएम हेल्पलाईन और निगमों की हेल्पलाईन में पहुंचने वाली शिकायतों और उनके निपटारे के आधार पर निकायों की ग्रेडिंग में भोपाल नगर निगम सबसे फिसड्डी है।
प्रदेश के नगरीय निकायों के चुनाव नहीं हो पाने से अभी तक निर्वाचित महापौर और अध्यक्ष निकायों में नही थे इसलिए अफसर अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है। आमजन की शिकायतों का निपटारा करने के लिए मानीटरिंग की जिम्मेदारी भोपाल में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारी को सौप दी गई है इसलिए यहां स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।यूएडीडी हर माह प्रदेश के निकायों में जनशिकायतों की संख्या और उनके निराकरण के आधार पर ग्रेडिंग जारी करता है। इस बार जारी ताजा ग्रेडिंग में भोपाल नगर निगम शिकायतों के निराकरण में सबसे फिसड्डी रहा है। भोपाल नगर निगम में पिछले एक माह में आई शिकायतों की संख्या भी सोलह नगर निगमों में सर्वाधिक है। कुल छह हजार 75 शिकायतें यहां आई। इनमें संतुष्टि के साथ बंद की गई शिकायतों की संख्या 41.22 प्रतिशत रही है। ऐसी शिकायतें जिनका निपटारा पचास दिन में भी नहीं हो पाया उनका प्रतिशत 9.88 रहा है। निम्न गुणवत्ता के साथ बंद की गई शिकायतों की संख्या 9.96 प्रतिशत रही। ऐसी शिकायतें जो अटेंड की नहीं की गई उनकी संख्या 9.86 प्रतिशत रही। जो शिकायते अमान्य कर दी गई उनकी संख्या 10 प्रतिशत रही। भोपाल नगर निगम को शिकायतों के निपटारे में जो वेटेज स्कोर दिया गया वह 80.92 प्रतिशत रहा है।
बुरहानपुर-रतलाम सबसे अव्वल-
जनशिकायतों के निपटारे में सोलह नगर निगमों में बुरहानपुर का काम सबसे अच्छा रहा है। दूसरे स्थान पर रतलाम और तीसरे स्थान पर छिंदवाड़ा रहा है।बुरहानपुर में एक माह में मात्र 266 शिकायतें आई और इनमें से 57.74 फीसदी शिकायतें संतुष्टि के साथ बंद की गई। बुरहानपुर का कुल वेटेज स्कोर 97.38 रहा है। रतलाम में 958 शिकायतें आई और 55.99 फीसदी शिकायतें पूर्ण संतुष्टि के साथ बंद की गई। यहां का वेटेज स्कोर 95.73 प्रतिशत रहा। छिंदवाड़ा में केवल 328 शिकायतें आई और शिकायतों के निपटारे में वह प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर टाप टेन में भी नहीं-
स्वच्छता में देश में अव्वल आने वाला इंदौर नगर निगम भी जनशिकायतों के निराकरण में टाप टेन में भी शामिल नहीं है। भोपाल और ग्वालियर भी टॉप टेन में नहीं आ पाए है। केवल जबलपुर नगर निगम जनशिकायतों के निपटारे में सोलह नगर निगमों में चौथे स्थान पर है। जबलपुर में 3 हजार 785 शिकायतें आई है और इन शिकायतों में से 51.09 फीसदी शिकायतें संतुष्टि के साथ्ज्ञ बंद की गई। जनशिकायतों के निपटारे में जो टाप पांच नगर निगम है उनमें बुरहानपुर, रतलाम, छिंदवाड़ा , जबलपुर और रीवा शामिल है।
Home खबरों की खबर