(रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट)
एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसे पानी में डुबोकर मारने वाले तीन आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने तीनों आरोपियों को सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ हत्या का भी दोषी माना। 12 महीने में विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराध) योगेन्द्र कुमार त्यागी ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। सभी आरोपी गुजरपाडा थाना बिलपांक के रहने वाले हैं।
इस घटना के आरोपी कालू पिता चेनसिंह निनामा, दीपला उर्फ दिपक पिता नाहरसिंह और रवि गूंगा पिता रामसिंह हैं। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 5 सितंबर 2020 की शाम बिलपांक की 13 वर्षीय मासूम बालिका अपने घर से पास ही स्थित किराने की दुकान पर शक्कर चाय पत्ती व अन्य सामान लेने गई थी, जो वापस घर नहीं आई। उसके परिवार व रिश्तेदारो ने गांव में तलाश की तो वह नहीं मिली।
लेकिन, रास्ते के एक खण्डरनुमा घर के पास मासूम की चप्पल व सामान दिखाई दिया। सूचना पर डॉयल 100 पुलिस भी मौके पर आई थी व परिजनों के साथ पुलिस ने भी मासूम की तलाश की परंतु वह नहीं मिली।
छोटे भाई को आरोपी दे गए रुपए
गांव के कालू, दीपला और रवि गूंगा बालिका के छोटे भाई को एक हज़ार रु दे गए और कहा कि तेरी बहन को ढूंढ लेना। तीनों बालिका के घर के पास बैठकर शराब पी रहे थे और धमाल कर रहे थे।
अगले दिन खेत में मिला शव
6 सितंबर को सुबह परिजनों ने मासूम को गांव के आस-पास के खेतों में तलाश किया तो मक्के के खेत में उसका शव अर्धनग्न अवस्था में मिला। मौके पर पुलिस आई तब पुलिस ने मौके पर जांच की।
ऐसे मिले सुराग
बालिका के ताऊ के लडके के द्वारा घटना बताने पर तीनों आरोपी के विरूद्ध अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या करने और शव कोे छूपाने की धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया।
अनुसंधान अधिकारी उपनिरीक्षक सपना राठौर एवं तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक ब्रजेश मिश्रा द्वारा तीनो आरोपी को 7 सितंबर 2020 को गिरफ्तार कर उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो सभी बात उगल दी। प्रकरण में कुल 23 साक्षियों को घटना के समर्थन में परिक्षित करवाते हुये उनसे संबधित दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य प्रमाणित करवाए।
DNA जांच से खुलासा
बालिका की चप्पल में लगी मिट्टी, डीएनए सैंपल तथा तालाब का पानी जांच के लिए FSL लैब तथा बालिका की DNA स्लाइड और तीनों आरोपियों के खून के नमूने जांच के लिए लेबोरेटरी भेजें गए थे जिनकी रिपोर्ट में आरोपियों के DNA मैच होने की बात स्पष्ट हुई। इसी बात को लेकर 9 अक्टूबर 2020 को तीनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया था। तीनों आरोपी जेल में बंद हैं।