आवेदन, शपथ पत्र और फीस भरते ही छोटे भूखंडों पर मिलेगी भवन निर्माण की डीम्ड अनुमति

अब नहीं लगाने होंगे नगर निगम, नगर पालिका दफ्तर के चक्कर

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भोपाल
मध्यप्रदेश में अब 105 वर्गमीटर तक के छोटे आवासीय भूखंडों पर भवन निर्माण के लिए अनुमति लेने अब आमजन को नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद के दफ्तर के बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। निर्माण के लिए आवेदन के साथ शपथ पत्र और तय फीस जमा करते उन्हें डीम्ड स्वीकृति मिल जाएगी और वे निर्माण शुरु कर सकेंगे।
इसके लिए नगरीय विकास और आवास विभाग मध्यप्रदेश भूमि विकास नियमों में संशोधन करने जा रहा है। पंद्रह दिन बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके पहले इसको लेकर आने वाली आपत्तियों और सुझावों पर विचार किया जाएगा।
भवन निर्माण के लिए अनुमति उन्हीं आवासीय भूखंडों पर दी जाएगी जो नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित हो और जिन्हें स्थानीय निकायों द्वारा जारी विकास अनुमतियां मिल चुकी हो। इसमें केवल व्यक्तिगत भूखंडधारक ो ही तुरंत डीम्ड स्वीकृति के लिए आवेदन के पात्र होंगे। कॉलोनाइजर या भूखंड, फ्लैट, भवन को बेचने का आशय रखने वाले लोगों को यह अनुमति नहीं दी जा सकेगी।
 यह करना होगा-
आवेदक को संबंधित निकाय मे जहां वह आवासीय भूखंड स्थित है और जिस पर वह निर्माण करना चाहता है। ऐसे 105 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्माण के लिए आवेदन निकाय के अधिकारी को करना होगा। इसके लिए उन्हें एक शपथ पत्र भी देना होगा। इसमें मूल योजना, स्थल योजना, उपविभाजन, अभिन्यास योजना, सबडिवीजन लेआउट प्लान, भवन योजना, सर्विस प्लान,स्थल के स्वामित्व के विधिक अधिकार, पार्किंग की योजना संबंधी स्वघोषणा पत्र देना होगा। इसके अलावा जमा किए गए  आवेदन शुल्क की प्रति और शपथ पत्र देना होगा।शपथ पत्र में भवन योजना के अनुसार निर्माण करने, अतिरिक्त निर्माण न करने, शर्तो का उल्लंघन न करने , स्वयं निवास हेतु उपयोग करने का वचन देना होगा।
भवन योजना से विपरीत निर्माण पर अनुमति निरस्त-
यदि नियमों अथवा विकास योजना के उपबंधों के अनुसार भवन योजना के अनुसार निर्माण नहीं किया जाता है तो डीम्ड भवन निर्माण स्वीकृति स्वत: ही निरस्त हो जाएगी और अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही की जाएगी। योजना से हटकर निर्माण करने पर संबंधित निकाय से अनुमोदन कराना जरुरी होगा।
यह होगा फायदा- भवन निर्माण की अनुमति के लिए अभी आवेदन देने के बाद संबंधित अधिकारी निरीक्षण करने, रिपोर्ट देने के नाम पर लंबे समय तक अनुमति के लिए मामले को अटकाए रहते है। अब आवेदन, शपथ पत्र और फीस भरते ही निर्माण शुरु किया जा सकेगा। शुल्क प्राप्त करते समय स्थनीय निकाय द्वारा किसी प्रकार का निरीक्षण, दस्तावेज परीक्षण नहीं किया जाएगा। अपूर्ण दस्तावेज या जानकारी जरुरी हो तो बाद में प्राप्त की जा सकेगी। शुल्क सहित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाना स्वत: डीम्ड स्वीकृति माना जाएगा।

कार्यपूर्णता का प्रमाणपत्र जारी होंने पर ही भवन का उपयोग

जो भवन निर्माण की डीम्ड अनुमति दी जाएगी। उनकी शर्तो का पालन करना जरुरी होगा।  निर्माण कार्य पूर्ण होंने के बाद कार्यपूर्णता और अधिभोग प्रमाणपत्र जारी होंने के बाद ही भवन का उपयोग किया जाएगा। अन्य विभागों से कोई अनुमति या अनापत्ति लेना होगा तो इसकी जिम्मेदारी आवेदक की होगी। आवेदन में दर्शाए तथ्यों के गलत पाए जाने और भूमि स्वामी के संबंध में विवाद या अन्य विभाग से कोई विसंगति की दशा में यह अनुमति स्वत: निरस्त हो जाएगी।