Indore : लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर भागे एमआईजी थाने के सिपाही निरेंद्र दांगी और श्याम जाट के साथ ही वहां के एसआई राम शाक्य को भी निलंबित कर दिया गया। ये रिश्वतखोर सिपाही थाने में लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर भागे, पर रिश्वत लेते सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेने वाले दोनों सिपाहियों को पहचानकर तलब किया है। इस पूरी कार्रवाई में TI को बेदाग बक्श दिया, जबकि रिश्वत लेने का सारा खेल थाने में ही चल रहा था।
इस मामले में TI अजय वर्मा और एसआई राम शाक्य व पीएस टैगोर भी जांच के घेरे में आ गए। इन पर सिपाहियों को रिश्वत लेने के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने भी उनके खिलाफ जांच बैठा दी। ये सिपाही आटो डील व्यवसायी कमल टेटवाल की पत्नी टीना से एक लाख रुपए की मांग कर रहे थे। लोकायुक्त ने सिपाहियों की आवाज रिकॉर्ड की और रंगे हाथों पकड़ने थाने जा पहुंची थी।
लोकायुक्त ने मंगलवार को केस दर्ज किया था। इन्होंने एमआर-9 निवासी कमल टेटवाल पर हेराफेरी का आरोप लगाकर सोमवार दोपहर हिरासत में लिया था। मंगलवार सुबह टीना उससे मिलने पहुंची तो सिपाही श्याम जाट व निरेंद्र दांगी ने रिहाई के बदले एक लाख रुपए मांगे। टीना ने हाथ-पैर जोड़े तो सिपाही 50 हजार रुपए पर तैयार हो गए। घबराई टीना लोकायुक्त पहुंची और लोकायुक्त एसपी सब्यसाची सर्राफ को घटना बताई।
SP ने पैसों के लेनदेन की पुष्टि की और सिपाहियों की आवाज रिकार्ड करवा ली। सिपाहियों ने तय किया कि 15 हजार रुपए आज (मंगलवार) और 15 हजार कल (बुधवार) को लेंगे। शेष 10 हजार रुपए व्यवस्था होने पर एक-दो दिन बाद ले लेंगे। DSP (Lokayukta) प्रवीण सिंह बघेल की टीम ने थाने के आसपास खड़ी हो गई। टीना 15 हजार रुपए लेकर थाने पहुंची। लेकिन, सीसीटीवी कैमरे देखकर सिपाही ने इशारा किया और एमआईजी की तरफ गली में ले गया। लोकायुक्त कर्मी भी पीछे-पीछे गए पर सिपाही जाट ने डिक्की में रुपए रखवाए और बाइक लेकर फरार हो गया। हालांकि, जिस जगह रिश्वत ली उस इमारत में सीसीटीवी कैमरे लगे थे जिसमें पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई।
मोबाइल पर बात भी करवाई
टीना ने डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल को बयानों में बताया कि एमआईजी थाना के पुलिसकर्मियों ने कमल से फोन पर बात भी करवाई थी। थाना में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, इसलिए बच-बच कर बातें कर रहे थे। टीना टीआई अजय वर्मा के पास गई तो उन्होंने कहा कि मामला विवेचना के लिए भेज दिया। फिर एसआई राम शाक्य और पीएस टैगोर ने सिपाहियों से बात करने भेज दिया। सिपाहियों ने रुपये मांग लिए। सबूत मिलते ही लोकायुक्त ने केस दर्ज किया और थाना में ही छापा मारने की योजना बना ली।