Lucknow : उत्तर प्रदेश कैडर के तीन सीनियर IAS अधिकारियों ने समय से पहले सेवानिवृत्ति (VRS) मांगा है। इनके आवेदन के आधार पर बीती 28 जुलाई को भारत सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से एक आदेश जारी हुआ,जिसमें 1987 बैच की वरिष्ठ IAS रेणुका कुमार को केंद्र सरकार में बिना प्रतिनियुक्ति पूरी हुए उनके मूल कैडर उत्तर प्रदेश में प्रत्यावर्तित किया गया। 25 जुलाई 2022 को ही रेणुका कुमार ने VRS के लिए नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की सचिव को आवेदन भेज दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति) को भी इस सम्बंध में पत्र भी भेजा है।
विकास गोठवाल ने मांगा VRS
1987 बैच की वरिष्ठ IAS रेणुका कुमार का VRS मांगना एकबारगी सामान्य माना जा सकता है लेकिन 2003 बैच के IAS विकास गोठवाल ने भी समय से पहले सेवानिवृत्ति मांगी है। विकास गोठलवाल स्टडी लीव पर चल रहे हैं। वह पहले उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण महकमे अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास में बतौर सचिव अच्छा काम कर चुके हैं। उनकी गिनती उत्तर प्रदेश के अच्छे प्रशासनिक अफसरों में होती है। मिली जानकारी के मुताबिक विकास गोठवाल ने स्वास्थ्य कारणों से VRS मांगा है।
जूथिका पाटणकर भी काम करना नहीं चाहतीं
उत्तर प्रदेश कैडर में 1988 बैच की आईएएस जूथिका पाटणकर ने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए वीआरएस की मांग की है। इस तरह जूनियर और सीनियर लेवल के आईएएस अफसर एकसाथ वीआरएस क्यों मांग रहे हैं, इसे लेकर ना केवल उत्तर प्रदेश बल्कि केंद्रीय स्तर पर भी हलचल है।