New Delhi : नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 में लाए व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा बिल (Personal Data Protection Bill) को वापस ले लिया।
केंद्र सरकार ने 2019 में लोकसभा में यह बिल पेश किया था। संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पर विचार करते हुए एक व्यापक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है। इसके बाद नए विधेयक का रास्ता साफ होगा।
लोकसभा की 3 अगस्त 2022 की सप्लीमेंट्री बिजनेस लिस्ट में वापस लिए जाने वाले बिल में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का नाम भी था।
इसमें लिखा था कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill) पर लाए गए बिल को वापस लेने के प्रस्ताव को रखेंगे। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से सार्वजनिक रूप से बिल को वापस लेने का कारण नहीं बताया है।
एक बयान में कहा गया है कि पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर संसद की संयुक्त समिति ने विस्तार से विचार विमर्श करके डिजिटल इकोसिस्टम पर बड़े कानूनी ढांचे की दिशा में 81 संशोधन प्रस्तावित किए और 12 सिफारिशें की गईं।
इस बयान में आगे कहा गया है कि जेसीपी की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए एक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है! इसलिए, परिस्थितियों को देखते हुए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 को वापस लेने और एक नया विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है, जो कानूनी ढंग से ज्यादा सही होगा।