Hospital Fire: जबलपुर के CMHO सस्पेंड, 51 अस्पतालों में नए मरीज भर्ती करने पर रोक

हॉस्पिटल अग्निकांड में सीएमएचओ और फायर सेफ्टी ऑफिसर सस्पेंड

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Jabalpur : दो दिन पहले यहां के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लापरवाही बरतने पर जबलपुर के CMHO डॉ रत्नेश कुरारिया और फायर सेफ्टी ऑफिसर कुशाग्र ठाकुर को सस्पेंड कर दिया।

इसके साथ ही शहर के 51 निजी अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई।

इन अस्पतालों से प्रशासन ने तीन दिन में सभी जरूरी अनुमति के दस्तावेज पेश करने को कहा है। पुलिस ने मंगलवार को आग लगने के मामले में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के चार पार्टनरों के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई।

CM ने सख्त आदेश दिए

CM शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग से उच्च स्तरीय बैठक ली। उन्होंने कहा कि जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई अग्नि दुर्घटना बेहद दुखद है।

उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए कि इस तरह की घटनाएं प्रदेश में दोबारा न हो! घटना में दोषी पाए गए अस्पताल प्रबंधन पर गैर-इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए।

51 अस्पतालों से अनुमतियों के दस्तावेज मांगे

मुख्यमंत्री ने घटना के जिम्मेदार CMHO और फायर सेफ्टी ऑफिसर को निलंबित करने के निर्देश भी दिए। CM ने बैठक में कहा कि घटना से सीख लेकर अग्नि सुरक्षा नीति में परिवर्तन करने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक कदम उठाए जाएं।

अग्नि सुरक्षा के लिए अस्पताल, होटल और मल्टी भवनों पर एक समान नियम लागू करने की कार्यवाही करें। उन्होंने संबंधित विभागों को संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं।

डॉ संजय मिश्रा, जॉइंट डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसेस के मुताबिक सरकार ने जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में अस्पतालों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत शहर के 51 अस्पतालों में तुरंत प्रभाव से नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई।

सरकार ने तय किया है कि अग्नि सुरक्षा व्यवस्था में कमी पाए जाने पर अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे! दुर्घटनाएं रोकने के लिए फायर एनओसी, बिल्डिंग परमीशन और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के दस्तावेज अस्पतालों से तीन दिन के भीतर मांगे गए हैं।