ISRO : SSLV रॉकेट लॉन्च, कक्षा में जाने के बाद संपर्क टूटा

दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया

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ISRO : SSLV रॉकेट लॉन्च, कक्षा में जाने के बाद संपर्क टूटा

Sriharikota : रविवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल SSLV-D1 को लॉन्च किया। इसमें दो उपग्रह भेजे गए हैं। इसकी लॉन्चिंग सफल रही और रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया। लेकिन, उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गए। ISRO ने कहा कि जल्दी ही डेटा मिलना शुरू हो जाएगा।

ISRO ने रविवार सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान SSLV-D1 को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और छात्र-निर्मित एक उपग्रह AzadiSAT के साथ लॉन्च किया। रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया। लेकिन उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया।

जल्द ही देंगे अपडेट

इस पूरे मामले पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर लगातार डेटा लिंक हासिल करने का प्रयास कर रहा है। हम जैसे ही लिंक स्थापित कर लेंगे, देश को सूचित करेंगे।

SSLV के जरिए इसरो ने जिन दो सैटेलाइट्स को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया उनमें EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं, जो 10 महीने के लिए अंतरिक्ष में काम करेगा। इसका वजन 142 किलोग्राम है। इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है। जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है। यानी ये रात में भी निगरानी कर सकता है।

दूसरा Azadi SAT सैटेलाइट्स है। यह स्पेस किड्ज इंडिया नाम की देसी निजी स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है। इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है। स्पेस किड्स इंडिया के विद्यार्थियों की टीम ने धरती पर प्रणाली तैयार की जो उपग्रह से डाटा रिसीव करेगी। यह सैटेलाइट नई तकनीक से लैस है जो कि फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर, जियोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसे क्षेत्रों में काम करेगा।